किसानों से सभी मांगें पूरी होने तक संघर्ष जारी रखने का किया आह्वान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गुरुवार को किसानों से राष्ट्रव्यापी मार्च टू राजभवन कार्यक्रमों में शामिल होने और 26 नवंबर को संबंधित राज्यपालों के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपने का आह्वान किया।
इससे पहले, 14 नवंबर को एसकेएम की राष्ट्रीय परिषद ने गुरुद्वारा रकाबगंज में एक बैठक की और 9 दिसंबर, 2021 को कानूनी रूप से गारंटीकृत एमएसपी, बिजली बिल वापस लेने सहित अन्य के लिए दिए गए लिखित आश्वासनों को लागू नहीं करके किसानों को धोखा देने के लिए मोदी सरकार की कड़ी निंदा की।
बैठक में सभी घटक संगठनों को देश भर में संघर्ष को और तेज करने के लिए तैयार रहने की सलाह देने का संकल्प लिया गया।
मार्च टू राजभवन किसानों के विरोध के अगले चरण की शुरुआत का प्रतीक है।
साथ ही, इसने देश भर के किसानों से अपील की है कि वे कर्ज मुक्ति - पूरा दाम सहित सभी मांगों को सरकार द्वारा पूरा किए जाने तक निरंतर और प्रतिबद्ध राष्ट्रव्यापी संघर्षों में शामिल हों।
सभी फसलों के लिए कानूनी रूप से एमएसपी की गारंटी और ऋणग्रस्तता से मुक्ति प्रमुख मांगें हैं, जिसके लिए किसान नव-उदारवादी नीतियों के रिलीज के बाद से लड़ रहे हैं, जिसने कृषि संकट और किसानों की आत्महत्याओं को बढ़ा दिया है।
1995 के बाद से, भारत में 4 लाख से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं और लगभग 68 प्रतिशत किसान परिवार कर्ज और वित्तीय संकट में हैं। इन मांगों के साथ-साथ तीन कॉरपोरेट समर्थक कृषि कानूनों और बिजली विधेयक 2020 को रद्द करने की मांगों के कारण 26 नवंबर, 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर साल भर का ऐतिहासिक किसान आंदोलन हुआ, जिसे भारत में काम करने वाले लोगों के लगभग सभी वर्गो द्वारा सक्रिय रूप से समर्थन किया गया था।
मोर्चा ने आज दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसे दर्शन पाल, हन्नान मोल्लाह, युधवीर सिंह, अविक साहा और अशोक धावले ने संबोधित किया। अगली बैठक 8 दिसंबर को करनाल में होनी है जहां आंदोलन के अगले चरण का फैसला और घोषणा की जाएगी।
(आईएएनएस)
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Created On :   17 Nov 2022 5:01 PM IST