ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सुवेंदु अधिकारी को गिरफ्तारी से सुरक्षा देने के खिलाफ दायर याचिका खारिज

Shock to Mamta government from Supreme Court, petition filed against protection from arrest to Suvendu Adhikari dismissed
ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सुवेंदु अधिकारी को गिरफ्तारी से सुरक्षा देने के खिलाफ दायर याचिका खारिज
पश्चिम बंगाल ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका, सुवेंदु अधिकारी को गिरफ्तारी से सुरक्षा देने के खिलाफ दायर याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें कलकत्ता हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी को गिरफ्तारी से राहत प्रदान की गई थी। राज्य सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के खंडपीठ के आदेश को चुनौती देते हुए एक अपील दायर की थी, मगर शीर्ष अदालत ने अब एकल न्यायाधीश के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।

न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना ने कहा, विशेष अनुमति याचिकाएं एक अंतर्वर्ती आदेश से उत्पन्न हुई हैं, हम संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत इस अदालत के अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करने के इच्छुक नहीं हैं। 13 दिसंबर को, सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में जाने के बाद, उनके खिलाफ दर्ज मामलों में अधिकारी को गिरफ्तारी से राहत देने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था।

राज्य सरकार के वकील ने जोरदार तर्क दिया था कि केवल इसलिए कि शिकायतें तृणमूल से भाजपा में आने के बाद की गई हैं, इन मामलों को दुर्भावनापूर्ण नहीं कहा जा सकता है। अधिकारी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने तब कहा था कि आदेश पारित होने से पहले उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई लगभग एक महीने तक चली थी। उन्होंने कहा कि एक महीने की सुनवाई के बाद जज किसी नतीजे पर पहुंचे, यह कहना अनुचित लगता है।

उच्च न्यायालय ने इस साल सितंबर में पाया था कि राज्य सरकार अधिकारी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करके उन्हें फंसाने का प्रयास कर रही है। अदालत ने उन्हें उनके खिलाफ दर्ज छह प्राथमिकी में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष जवाबी हलफनामा दायर करने और शीघ्र सुनवाई की मांग करने का रास्ता खुला है। अधिकारी ने राज्य सरकार द्वारा उनके खिलाफ दर्ज सात आपराधिक मामलों को लेकर उच्च न्यायालय का रुख किया था और उन मामलों में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी।

(आईएएनएस)

Created On :   3 Jan 2022 10:30 PM IST

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