फूलनदेवी की हत्या से नहीं मेरा संबंध, सरकारें नहीं चाहती खत्म हो जातिगत भेदभाव : शेर सिंह राणा

Sher singh rana, Accused of the phoolan devi murder case in Nagpur
फूलनदेवी की हत्या से नहीं मेरा संबंध, सरकारें नहीं चाहती खत्म हो जातिगत भेदभाव : शेर सिंह राणा
फूलनदेवी की हत्या से नहीं मेरा संबंध, सरकारें नहीं चाहती खत्म हो जातिगत भेदभाव : शेर सिंह राणा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आपराधिक मामले में कानूनी लड़ाई लड़ते हुए राजनीति में आए शेरसिंह राणा का मानना है कि किसी भी राष्ट्र व समाज के लिए जाति की राजनीति ठीक नहीं होती है। जाति की राजनीति से बचने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि असल में सरकार ही नहीं चाहती है कि जातिभेद दूर हो। सरकार जातिवाद कराती है। स्कूल कालेज में जाति पूछती है। जाति के प्रमाण देने पड़ते हैं।

राणा का यह भी मानना है कि अपराध के क्षेत्र में नाम चर्चा में आने पर संबंधित व्यक्ति का दुरुपयोग होने लगा है। उनपर भी किसी समय में अंडरवर्ल्ड के कुछ लोगों ने देश में हिंसा के लिए दबाव बनाने का प्रयास किया था। एक कार्यक्रम के सिलसिले में शहर में आए राणा शुक्रवार को दैनिक भास्कर से चर्चा कर रहे थे। दस्यु से सांसद बनी फूलनदेवी की हत्या 2001 में हुई थी, उस मामले में राणा मुख्य आरोपी हैं। उसी मामले में जेल में रहते हुए वे अंडरवर्ल्ड के लोगों के अलावा आतंकवादियों के संपर्क में आए थे। 2004 में तिहाड़ जेल से फरार हुए व कोलकाता होते हुए अफगानिस्तान पहुंच गए थे। अफगानिस्तान से पृथ्वीराज चव्हाण की समाधि से अस्थियां लाने का दावा उन्होंने किया था।

बता दें कि फूलनदेवी हत्या प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं। 2016 में उत्तरप्रदेश की राजनीति में सक्रिय होकर राणा ने राष्ट्रवादी जन लोक पार्टी का गठन किया था, हालांकि उनकी पार्टी का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है। राणा दावा करते हैं कि फूलनदेवी हत्याकांड से उनका संबंध नहीं रहा है। न्यायालय में वे अपनी स्वयं को बेगुनाह साबित करेंगे।

उन्होंने कहा कि जेल ब्रेक मामले को केवल आपराधिक नहीं माना जाना चाहिए। यह भी कहते हैं कि नक्सल व अन्य गतिविधियों में लिप्त लोगों को समर्पण के बाद राहत दी जाती है तो उनके मामले में भी विचार किया जाना चाहिए। पृथ्वीराज चव्हाण की अस्थि मामले में कहते हैं कि सरकार जानबूझकर उनके प्रमाण को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने जेल डायरी लिखी है। उसपर आधारित फिल्म जल्द आने वाली है। चर्चा के दौरान राजपूत महासभा के अरुणसिंह व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

 

 

 

 

 

Created On :   11 May 2019 12:14 AM IST

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