उत्तराखंड के हर जिले में बनेंगे संस्कृत ग्राम, वेद-पुराण का भी मिलेगा ज्ञान
- प्रत्येक गांव में प्राचीन भारतीय संस्कृति का केंद्र
डिजिटल डेस्क, देहरादून। संस्कृत को लेकर उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार उत्तराखंड के हर जिले में संस्कृत ग्राम बनाने जा रही है। संस्कृत ग्राम में वेद-पुराणों का ज्ञान मिलेगा।
दरअसल, संस्कृत को लेकर उत्तराखंड सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार उत्तराखंड के हर जिले में संस्कृत ग्राम बनाने जा रही है। संस्कृत ग्राम में वेद-पुराणों का ज्ञान मिलेगा।
बता दें संस्कृत उत्तराखंड की दूसरी आधिकारिक भाषा है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए इस पैमाने पर पहल की है। वहीं, दक्षित भारत में कर्नाटक में ही केवल एक संस्कृत भाषी गांव है। मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि स्थानीय लोगों को संस्कृत सिखाने के लिए चयनित गांवों में संस्कृत शिक्षकों को भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को संस्कृत में दक्षता हासिल करने के लिए वेद और पुराण भी सिखाए जाएंगे। संस्कृत ग्राम कहे जाने के लिए इनमें से प्रत्येक गांव में प्राचीन भारतीय संस्कृति का केंद्र होगा। मंत्री रावत ने कहा कि युवा पीढ़ी को अपने पूर्वजों की भाषा बोलने में सक्षम होना चाहिए। यह पहल युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों के करीब ले जाएगी। साथ ही ये गांव देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारत की प्राचीन संस्कृति से रूबरू भी करवाएंगे।
गौरतलब है कि संस्कृत गांवों को विकसित करने का विचार पहली बार त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री काल के दौरान हुआ था, लेकिन यह योजना आगे नहीं बढ़ी। बगेश्वर और चमोली में कुछ पायलट परियोजनाओं तक ही यह प्रोजेक्ट सीमित रहा। हालांकि, धन सिंह रावत का कहना है कि इसे इस बार पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
आईएएनएस
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Created On :   5 Aug 2022 11:00 PM IST