कुछ मंत्रियों के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण सागरदिघी की हार हुई : तृणमूल सांसद
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस को गुरुवार को मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा है। सागरदिघी को बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी का पूर्ववर्ती गढ़ माना जाता था। रिपोर्ट के अनुसार, वाम समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार बायरन बिश्वास ने तृणमूल के देबासिश बंदोपाध्याय को 22,986 मतों के भारी अंतर से हराया। टीएमसी की हार पर पार्टी की लोकसभा सदस्य अपरूपा पोद्दार उर्फ आफरीन अली ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का चुनाव परिणामों पर प्रभाव पड़ा है।
हुगली जिले के आरामबाग से दो बार की सांसद ने सोशल मीडिया पर एक संदेश पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के बड़े नेताओं के एक वर्ग की टिप्पणियों और बयानों से पार्टी की छवि को काफी हद तक नुकसान पहुंचा है।
आफरीन ने कहा, कुछ कद्दावर मंत्रियों की करतूतों की वजह से हमें लाल कार्ड दिखाया गया है। कुछ और कद्दावर नेता कुछ ऐसे बयान दे रहे हैं जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका संकेत पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की ओर था, जो इस समय करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में जेल में हैं।
वास्तव में तृणमूल सूत्रों ने स्वीकार किया कि अल्पसंख्यक बहुल सागरदिघी निर्वाचन क्षेत्र में विनाशकारी परिणाम पर पार्टी के भीतर आत्मनिरीक्षण शुरू हो गया है, जहां वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार ने अपने पक्ष में 28 प्रतिशत वोटों के साथ जीत हासिल की।
वहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि परिणाम एक अपवित्र सांठगांठ का प्रभाव थे, जहां भाजपा भी समझौते में एक गुप्त पार्टी थी। सीएम ममता ने कहा कि आधिकारिक तौर पर, कांग्रेस और वाम मोर्चा सागरदिघी में गठबंधन में थे, लेकिन अनौपचारिक रूप से भाजपा भी गठबंधन का हिस्सा थी। बीजेपी, कांग्रेस और लेफ्ट का साझा लक्ष्य किसी भी कीमत पर तृणमूल को हराना था। हालांकि, इस तरह के अपवित्र गठजोड़ के खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा और आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल की जनता उन्हें करारा जवाब देगी।
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Created On :   3 March 2023 4:30 PM GMT