आरएसएस का 2024 तक संगठन की शाखाओं को 1 लाख तक ले जाने का लक्ष्य

RSS aims to take organizations branches to 1 lakh by 2024
आरएसएस का 2024 तक संगठन की शाखाओं को 1 लाख तक ले जाने का लक्ष्य
प्रांत प्रचारक बैठक आरएसएस का 2024 तक संगठन की शाखाओं को 1 लाख तक ले जाने का लक्ष्य

डिजिटल डेस्क, जयपुर। झुंझुनू में 7-9 जुलाई तक आयोजित आरएसएस की 3 दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में 2024 तक अपनी शाखाओं की संख्या को एक लाख तक बढ़ाने के लक्ष्य के साथ शताब्दी समारोह योजना पर चर्चा की गई। यह तय किया गया है कि 2024 तक आरएसएस की शाखाओं का विस्तार होगा और पूरे देश में एक लाख का आंकड़ा छू जाएगा। साथ ही तय किया गया है कि सामाजिक जागृति का संदेश देते हुए संघ का कार्य समाज के हर वर्ग तक पहुंचना चाहिए।

संघ के शताब्दी वर्ष के लिए एक व्यापक विस्तार योजना बनाई गई है। इस बारे में बात करते हुए अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा, 2024 तक, शाखाओं को देश भर में एक लाख स्थानों पर ले जाया जाएगा और हमने तय किया है कि संघ का काम समाज के सभी वर्गों तक पहुंचना चाहिए। सामाजिक जागृति के उद्देश्य से, देश में सकारात्मक वातावरण बनाने का प्रयास है। इस बैठक में, पिछले वर्ष के लक्ष्यों की समीक्षा की गई और अगले दो वर्षों की कार्य योजनाएं तय की गई हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक की बैठक झुंझुनू के खेमी शक्ति मंदिर परिसर में हुई। पत्रकारों से बातचीत में आंबेकर ने बताया कि स्वावलंबी भारत अभियान के तहत 22 संगठनों ने 4000 से अधिक युवाओं को स्वरोजगार का प्रशिक्षण दिया। आंबेकर ने बताया कि दो वर्ष बाद आयोजित संघ शिक्षा वर्ग में 40 वर्ष से कम आयु के 18,981 और 40 वर्ष से अधिक आयु के 2,925 छात्रों ने भाग लिया। इस वर्ष पहले, दूसरे और तीसरे वर्ष के 101 वर्गों में कुल 21,906 शिक्षार्थी थे।

उन्होंने कहा कि संघ का कार्य एक बार फिर गति पकड़ रहा है। कोरोना वायरस के कारण प्रभावित हुई शाखा का काम फिर से शुरू हो गया है। वर्तमान में शाखाओं की संख्या 56,824 है। समाज के सहयोग से जल प्रबंधन, अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरण और स्वच्छता आदि सामाजिक कार्यों में स्वयंसेवकों की भागीदारी बढ़ रही है। इसी प्रकार पारिवारिक ज्ञान और बुराइयों को दूर करने के लिए स्वयंसेवी सामाजिक संस्थाओं, संतों और मठों और मंदिरों के सहयोग से इस कार्य को आगे बढ़ा रहे हैं।

उदयपुर की दहशत पर एक सवाल के जवाब में सुनील आंबेकर ने कहा कि मुस्लिम समाज से ऐसी घटना की निंदा करने की उम्मीद की जाती है। उन्होंने कहा, कुछ बुद्धिजीवियों ने निंदा की है, लेकिन पूरे मुस्लिम समाज को भी आगे आना चाहिए और इसका कड़ा विरोध करना चाहिए। ऐसी घटनाएं न तो समाज के हित में हैं और न ही देश के हित में हैं।

उन्होंने कहा, उदयपुर में नृशंस हत्या अत्यंत निंदनीय है। हमारे देश में लोकतंत्र है। अगर किसी को कुछ पसंद नहीं है, तो उस पर प्रतिक्रिया करने का एक लोकतांत्रिक तरीका है। हिंदू समाज शांतिपूर्ण, संवैधानिक तरीके से अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। मुस्लिम समाज से भी इस तरह की घटना को रोकने की उम्मीद है।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   9 July 2022 5:00 PM GMT

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