विधान परिषद चुनाव में तेजप्रताप के संगठन की हिस्सेदारी मांगें जाने पर राजद असमंजस में

RJD confused on demands of Tej Prataps organizations share in Legislative Council elections
विधान परिषद चुनाव में तेजप्रताप के संगठन की हिस्सेदारी मांगें जाने पर राजद असमंजस में
बिहार सियासत विधान परिषद चुनाव में तेजप्रताप के संगठन की हिस्सेदारी मांगें जाने पर राजद असमंजस में

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में स्थानीय निकाय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित होने वाले विधान परिषद की 24 सीटों को लेकर राजनीतिक दलों ने तैयारी प्रारंभ कर दी है। इस बीच, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजप्रताप यादव के संगठन ने सीटों में अपनी हिस्स्देारी की मांग को लेकर राजद की परेशानी बढ़ा दी है। हालांकि, यह अलग बात है कि अब तक तेजप्रताप ने इस बयान का समर्थन नहीं किया है।

तेजप्रताप यादव के संगठन छात्र जनशक्ति परिषद के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव ने विधान परिषद की छह सीटों की मांग करते हुए कहा कि बिहार के ज्यादातर छात्र और युवा तेज प्रताप यादव के साथ हैं। तेजप्रताप यादव के छात्र जनशक्ति परिषद से बिहार के ज्यादातर युवा जुड़ चुके हैं। ऐसी स्थिति में राजद इस चुनाव में कम से कम 25 प्रतिशत सीटों पर उम्मीदवार को चुनने का काम तेजप्रताप यादव के जिम्मे छोड़ दें। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर राजद विधान परिषद की 6 सीटें छात्र जनशक्ति परिषद को देती है तो छात्र जनशक्ति परिषद का पूरा समर्थन राजद के उम्मीदवारों को मिलेगा।

इस बयान के बाद राजद का कोई भी नेता इस मामले में खुलकर नहीं बोल रहा हैं। तेजप्रताप के संगठन द्वारा इस मांग के बाद राजद की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। इस बयान को लेकर तेजप्रताप ने हालांकि अब तक अपना मुंह नहीं खोला हैं। वैसे, ऐसा नहीं कि तेजप्रताप अपनी पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर कभी नहीं अपनाया है। तेजप्रताप कई मौकों पर अपनी पार्टी के खिलाफ बयान दे चुके हैं।

ऐसे में अब विरोधी पार्टियां भी राजद में मचे इस घमासान को लेकर बयानबाजी प्रारंभ कर दी है। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा कि दोनों युवराजों को बैलेंस करने के चक्कर में एक तरफ राजद की लुटिया डूब रही है, दूसरी तरफ इनके शेखचिल्ली बयानवीर नेता अभी भी सत्ता में आने के ख्याली पुलाव बनाने में मगन है। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग जानते हैं कि राजद के दोनों युवराजों के बीच चल रही रस्साकशी में राजद कभी भी टुकड़े-टुकड़े हो सकती है। रोजाना इसके संकेत मिलते ही रहते हैं। इनके नेताओं द्वारा इस पर पर्दा डालने की कोशिश महज कार्यकतार्ओं के आंखों में धूल झोंकने की कवायद भर है।

(आईएएनएस)

Created On :   11 Jan 2022 12:30 PM IST

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