राष्ट्रपति के चुनिंदा भाषणों वाली पुस्तक लोकतंत्र के स्वर और द रिपब्लिकन एथिक का विमोचन

Release of Books Democracy Ke Swar and The Republican Ethic containing selected speeches of the President
राष्ट्रपति के चुनिंदा भाषणों वाली पुस्तक लोकतंत्र के स्वर और द रिपब्लिकन एथिक का विमोचन
नई दिल्ली राष्ट्रपति के चुनिंदा भाषणों वाली पुस्तक लोकतंत्र के स्वर और द रिपब्लिकन एथिक का विमोचन
हाईलाइट
  • विभिन्न विषयों पर राष्ट्रपति के विचारों को दशार्ती है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बुधवार को भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के चुनिंदा भाषणों वाली पुस्तक लोकतंत्र के स्वर और द रिपब्लिकन एथिक का विमोचन किया। इस मौके पर ई-बुक्स का भी विमोचन किया गया।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा अपने चौथे वर्ष के कार्यकाल में भाषणों का संकलन देश की स्थिति के लिए एक अच्छा बैरोमीटर है। मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह पुस्तक सार्वजनिक सेवा, नैतिकता, शिक्षा, हमारे युवाओं की आकांक्षाओं, समकालीन वैश्विक मुद्दों जैसे विभिन्न विषयों पर राष्ट्रपति के विचारों को दशार्ती है।

उन्होंने कहा कि यह पुस्तक सार्वजनिक प्रवचन को समृद्ध करेगी और भारत को अमृत काल में आगे ले जाने की दिशा में मार्गदर्शक के रूप में काम करेगी। मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि शैक्षणिक संस्थानों को राष्ट्रपति द्वारा अपने भाषणों में स्पष्ट किए गए प्रासंगिक विषयों पर चर्चा और बहस में छात्रों को शामिल करना चाहिए।

प्रधान ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने भाषणों में भारत की आत्मा यानी हमारी सभ्यता और संस्कृति के मूल्य को उचित रूप से कवर करते हुए, भविष्य के लिए ²ष्टि भी रखी है। एनईपी 2020 के बारे में बोलते हुए, उन्होंने शिक्षा में समावेश और उत्कृष्टता के दोहरे ²ष्टिकोण को प्राप्त करने का सही आह्वान किया है। आम लोगों की जरूरतों के बारे में उनकी जागरूकता को दशार्ते हुए, राष्ट्रपति ने इन शब्दों के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना की, एनईपी का उद्देश्य 21 वीं सदी की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमारी शिक्षा प्रणाली को फिर से उन्मुख करना है। यह सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करके एक समान और जीवंत ज्ञान युक्त समाज का विकास करने का ²ष्टिकोण निर्धारित करता है। यह समावेश और उत्कृष्टता के दोहरे उद्देश्यों को प्राप्त करने का आह्वान करता है।

इस अवसर पर बोलते हुए, अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमारा देश एक महत्वपूर्ण परिवर्तन और परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है क्योंकि हम आजादी का अमृत महोत्सव को चिह्न्ति कर भविष्य में छलांग लगाते हुए भारत के 100 वें स्वतंत्रता दिवस की ओर हमारी यात्रा की कल्पना करते हैं।

वह राष्ट्रपति के भाषणों को कालातीत बताते हैं। ठाकुर ने इस प्रतिष्ठित कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रकाशन विभाग पर संतोष व्यक्त किया और इस प्रक्रिया में शामिल सभी हितधारकों को बधाई दी। अनुराग ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रपति ने अपने कार्यालय में बहुत ही कम समय में इस देश के आम नागरिकों तक पहुंचने के तरीके में हमारे साथी नागरिकों की भावनाओं, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं के तार को छूकर एक अलग छाप छोड़ी है। उन्होंने इस पुस्तक में वर्णित विभिन्न विषयों को रेखांकित किया और कहा कि ये खंड आने वाली पीढ़ियों के लिए कालातीत होंगे जो इस अवधि के दौरान राष्ट्रपति पद और भारत की यात्रा को समझना चाहते हैं।

इस खंड में राष्ट्रपति द्वारा अपनी अध्यक्षता के चौथे वर्ष के दौरान कई अवसरों पर दिए गए भाषण शामिल हैं। संकलन में भाषणों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है जो राष्ट्र के जीवन के विविध पहलुओं को छूती है। कुल 38 भाषणों का चयन किया गया है और उन्हें आठ खंडों में वगीर्कृत किया गया है। ये हैं (1) राष्ट्र को संबोधित करना, (2) भारत को शिक्षित करना, (3) लोक सेवा का धर्म, (4) हमारे प्रहरी का सम्मान, (5) संविधान और कानून की भावना, (6) उत्कृष्टता को स्वीकार करना, (7) नैतिक उदाहरण, मार्गदर्शक रोशनी, और (8) दुनिया के लिए खिड़की।

 

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Created On :   8 Jun 2022 11:30 PM IST

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