राजस्थान: सरकार ने वेबिनार से 30 यूरोपियन निवेशकों से की बात, व्यावसायिक अवसरों से कराया अवगत
डिजिटल डेस्क, जयपुर। देश अनलॉक फेज वन के बाद कोविड-19 परिदृश्य को देखते हुए दुनिया भर के व्यवसाय नई रफ्तार पकड़ते हुए नए नियमों के साथ आगे बढ़ रहे हैं, जिसमें भारत एक पसंदीदा और आकर्षक केंद्र के रूप में उभरा है जहां राजस्थान राज्य के तौर पर नए निवेशकों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करने के साथ मुश्किलें कम करने के लिए नई नीतियां तैयार कर रहा है।
राजस्थान के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता और वरिष्ठ नौकरशाहों ने मंगलवार को कई यूरोपीय देशों के एम्बेसडर, डिप्लोमेट और व्यापार प्रतिनिधियों के साथ वेबिनार के जरिए बातचीत की और उन्हें राज्य में निवेश करने के लिए निमंत्रण दिया है। राजस्थान औद्योगिक विकास और निवेश निगम और यूरोपियन बिजनेस ग्रुप के संयोजन से आयोजित वेबिनार में वरिष्ठ अधिकारियों ने अलग अलग देशों के प्रतिनिधियों को राजस्थान में मौजूद व्यावसायिक अवसरों से अवगत कराया।
साथ में, वेबिनार में यूरोपियन बिजनेस ग्रुप (ईबीजी) और टेक्नोलॉजी सेंटर (ईबीटीसी) और यूरोपियन इकोनॉमिक ग्रुप (ईईजी) के प्रतिनिधियों की भी भागीदारी देखी गई। लंबी वार्तालाप के दौरान, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क के रॉयल एंबेसी, इटली की एंबेसी, स्विट्जरलैंड की एंबेसी, बुल्गारिया एंबेसी, बेल्जियम एंबेसी सहित कई यूरोपीय देशों के राजनयिकों के साथ-साथ यूरोप में काम करने वाले कई मल्टी-नेशनल कंपनी के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।
राजस्थान सरकार और विदेशी निवेशकों की बीच, खासतौर से ईबीजी के साथ, कई करार होने की संभावनाएं देखी जा रही है। इसके साथ, अगली बातचीत 12 जून, 2020 को राजस्थान के शीर्ष राजनयिक और फ्रांसीसी कंपनी के प्रतिनिधियों से आयोजित की जाएगी।
प्रदेश की नई निवेश पॉलिसी के जरिए राजस्थान नए निवेश के लिए यूरोपियन देशों में आर्कषण का केंद्र बना हुआ है। क्योंकि नई निवेश पॉलिसी में नई नीतियों का नया फ्रेमवर्क, प्रोत्साहन और कई प्रकार की नई रियायतों का प्रावधान किया गया है।
राजस्थान के मुख्य सचिव डी.बी.गुप्ता वेबिनार के दौरान प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए राजस्थान की दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, स्किल्ड ह्यूमन रिसोर्स की उपलब्धता, बेहतर संसाधनों के लाभ के साथ-साथ तैयार बुनियादी ढांचे के फायदों पर प्रकाश डाला। इसके साथ प्रतिनिधियों को राजस्थान में उपलब्ध नए अवसरों और यूएसपी के साथ-साथ राज्य द्वारा प्रदान की जाने वाली रियायतों के साथ पारदर्शी और आकर्षक नीतिगत ढांचे के बारे भी बताया।
उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, डॉ. सुबोध अग्रवाल ने विदेशी डिप्लोमेट्स को जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान भारत का पहला राज्य है जहाँ किसी भी एमएसएमई उद्यम को बिजनेस शुरू करने की अनुमति लेने की जरुरत नहीं है, और फास्ट-ट्रैक अनुमोदन के लिए वन-स्टॉप सपोर्ट है। ईबीजी फेडरेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रमन सिद्धू ने दूतावासों और संभावित निवेशकों के साथ नियमित बातचीत के लिए एक मंच तैयार करने का सुझाव दिया।
रीको के प्रबंध निदेशक आशुतोष ए.टी. पेडनेकर ने बताया कि, इस तरह की बातचीत नियमित रूप से आयोजित की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया की हमारे प्रयासों को वेबिनार में प्राप्त सकारात्मक सुझावों से भविष्य की दिशा देने में मदद मिलेगी।
Created On :   10 Jun 2020 10:30 AM IST