Rajasthan Politics: कैबिनेट बैठक में बोले गहलोत- धरना देने के लिए प्रधानमंत्री निवास जाना पड़े तो दिल्ली भी जाएंगे
डिजिटल डेस्क, जयपुर। सचिन पायलट द्वारा कांग्रेस से बगावत करने के बाद राजस्थान में सियासी टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां सीएम अशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। सीएम गहलोत ने शनिवार को विधायक दल की बैठक की। इसमें गहलोत ने अपने विधायकों से कहा कि अगर धरना देने के लिए प्रधानमंत्री निवास जाना पड़े तो दिल्ली भी जाएंगे। वहीं खबर आई थी कि सीएम गहलोत राज्यपाल शनिवार शाम को कलराज मिश्र से फिर मुलाकात करेंगे। इसके लिए उन्होंने सुबह ही मिलने का वक्त मांगा था। बताया जा रहा था कि वे राज्यपाल से एक बार फिर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग करेंगे और राज्यपाल की 6 आपत्तियों का जवाब देंगे। लेकिन, देर रात तक भी वे राजभवन नहीं पहुंचे।
दरअसल, दोनों के बीच सत्र बुलाने को लेकर तकरार बढ़ गई है। मुख्यमंत्री सोमवार को सत्र बुलाना चाहते हैं, लेकिन राज्यपाल ने कोरोना महामारी का हवाला देकर इनकार कर दिया था। शुक्रवार रात मुख्यमंत्री को भेजे लेटर में उन्होंने सत्र को लेकर 6 आपत्तियां जताई थीं।
सत्र बुलाने पर 6 आपत्तियां
- सत्र किस तारीख से बुलाना है, इसका ना कैबिनेट नोट में जिक्र था, ना ही कैबिनेट ने अनुमोदन किया।
- अल्प सूचना पर सत्र बुलाने का ना तो कोई औचित्य बताया, ना ही एजेंडा। सामान्य प्रक्रिया में सत्र बुलाने के लिए 21 दिन का नोटिस देना जरूरी होता है।
- सरकार को यह भी तय करने के निर्देश दिए हैं कि सभी विधायकों की स्वतंत्रता और उनकी स्वतंत्र आवाजाही भी तय की जाए।
- कुछ विधायकों की सदस्यता का मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में है। इस बारे में भी सरकार को नोटिस लेने के निर्देश दिए हैं। कोरोना को देखते हुए सत्र कैसे बुलाना है, इसकी भी डिटेल देने को कहा है।
- हर काम के लिए संवैधानिक मर्यादा और नियम-प्रावधानों के मुताबिक ही कार्यवाही हो।
- सरकार के पास बहुमत है तो विश्वास मत के लिए सत्र बुलाने का क्या मतलब है?
जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति के पास जाएंगे: गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक में फिर भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार गिराने की भाजपा की साजिश को कामयाब नहीं होने देंगे। जरूरत पड़ी तो राष्ट्रपति के पास जाएंगे। अगर इससे भी बात नहीं बनी तो हम प्रधानमंत्री आवास के सामने प्रदर्शन करेंगे। उनकी इस बात का विधायकों ने हाथ उठाकर समर्थन किया।
शुक्रवार रात तीन घंटे कैबिनेट बैठक की थी
दरअसल, दोनों के बीच सत्र बुलाने को लेकर तकरार बढ़ गई है। मुख्यमंत्री सोमवार को सत्र बुलाना चाहते हैं, लेकिन राज्यपाल ने कोरोना महामारी का हवाला देकर इनकार कर दिया था। कल रात मुख्यमंत्री को भेजे लेटर में सत्र को लेकर आपत्तियां जताई थीं। मुख्यमंत्री गहलोत विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने पर अड़े हैं। उन्होंने शुक्रवार देर रात 1 बजे तक कैबिनेट की बैठक की। तीन घंटे चली बैठक में राज्यपाल कलराज मिश्र की आपत्तियों पर चर्चा की गई। क्या फैसला लिया गया। इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। इससे पहले दोपहर को मुख्यमंत्री और विधायकों ने 5 घंटे राजभवन में धरना दिया था। 27 साल पहले मुख्यमंत्री भेरौसिंह शेखावत ने ऐसा किया था। 1993 में वे राजभवन में धरने पर बैठ गए थे।
प्रजातंत्र बेड़ियों में और देश खतरे में है: रणदीप सुरजेवाला
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने राजस्थान में बने राजीनीतिक हालात के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बताया। सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि जनता की निर्वाचित सरकार धरने पर बैठी है, भाजपा जनमत की हत्या में मगन है, प्रजातंत्र बेड़ियों में है और देश खतरे में है।
Created On :   25 July 2020 12:02 PM GMT