सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर वायनाड के लोगों की दुर्दशा पर राहुल ने पीएम को लिखा पत्र
- स्थानीय समुदाय
- जो अभी भी कोविड महामारी के प्रभाव से जूझ रहे हैं
- ने अपने जीवन और आजीविका पर इस फैसले के प्रभाव के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और वायनाड के सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केरल के वायनाड के स्थानीय समुदायों की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जिनकी आजीविका पर हालिया सुप्रीम कोर्ट के राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभ्यारण्यों के आसपास इको-सेंसिटिव जोन के रखरखाव के आदेश से प्रतिकूल असर पड़ेगा। राहुल गांधी ने फेसबुक पर लिखा, राज्य और केंद्र सरकारें केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ और सीसी) के लिए एक ईएसजेड की न्यूनतम चौड़ाई को कम करने का अनुरोध करके मदद कर सकती हैं।
स्थानीय समुदाय, जो अभी भी कोविड महामारी के प्रभाव से जूझ रहे हैं, ने अपने जीवन और आजीविका पर इस फैसले के प्रभाव के बारे में गंभीर चिंता व्यक्त की है। राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्रों (ईएसजेड) की घोषणा कुछ गतिविधियों को प्रतिबंधित करते हैं।
ये दिशानिर्देश कृषि प्रणालियों में परिवर्तन, पहाड़ी ढलानों की सुरक्षा, और बिजली के तारों के निर्माण सहित कई गतिविधियों को भी विनियमित करते हैं। निर्णय में कहा गया है कि ईएसजेड के भीतर किसी भी उद्देश्य के लिए किसी भी स्थायी संरचना को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इनमें से एक के रूप में पश्चिमी घाट में सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में, इस तरह के प्रतिबंध स्थानीय समुदायों के जीवन स्तर में सुधार करने की क्षमता में बाधा डालते हैं।
कांग्रेस नेता ने कहा, मैं केंद्र सरकार से व्यापक जनहित में इन चिंताओं को दूर करने और हमारे लोगों की वैध विकासात्मक जरूरतों के साथ संरक्षण लक्ष्यों को संतुलित करने की हमारी साझा प्रतिबद्धता को दोहराने का अनुरोध करता हूं। उन्होंने इस बाबत केरल के मुख्यमंत्री को भी लिखा है।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   24 Jun 2022 8:00 PM IST