चार नगर निगमों के चुनाव टाले जाने की संभावना

Possibility of postponement of elections to four municipal corporations
चार नगर निगमों के चुनाव टाले जाने की संभावना
पश्चिम बंगाल चार नगर निगमों के चुनाव टाले जाने की संभावना

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा 22 जनवरी को होने वाले चार नगर निगमों में चुनाव स्थगित करने पर विचार करने के एक दिन बाद, राज्य सरकार ने राज्य चुनाव निकाय को लिखा है कि वे अगर राज्य में कोविड की स्थिति को देखते हुए एसईसी चुनाव को अगले 4 से 6 सप्ताह के लिए स्थगित करने का फैसला करेगा, तो कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि आयोग ने अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है।

आयोग के सूत्रों ने संकेत दिया है कि राज्य चुनाव निकाय राज्य द्वारा की गई सिफारिशों को स्वीकार कर सकता है और कम से कम 12 फरवरी तक चुनाव स्थगित कर सकता है। आयोग ने पहले घोषणा की थी कि आसनसोल, बिधाननगर, सिलीगुड़ी और चंदननगर सहित चार नगर निगमों में 22 जनवरी को चुनाव होंगे और परिणाम 25 जनवरी को घोषित किए जाएंगे।

आयोग के सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि वे फरवरी के अंत में अन्य नगर पालिकाओं में चुनाव कराने के इच्छुक हैं। 107 नगर पालिकाओं और हावड़ा नगर निगम में चुनाव फरवरी के अंत तक होंगे। आयोग के सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि आयोग इस चुनाव से संबंधित तौर-तरीकों और अन्य पहलुओं को तय करने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग से बात कर सकता है।

आयोग के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, चुनाव की घोषणा पहले ही हो चुकी है और नामांकन का हिस्सा भी समाप्त हो चुका है और इस स्थिति में, हमें संवैधानिक प्रावधानों को बाधित किए बिना सर्वोत्तम संभव स्थिति का पता लगाने की आवश्यकता है। हमें चुनाव के तौर-तरीकों पर भी काम करना होगा।

मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ बिमल भट्टाचार्य द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तर्क दिया गया था कि कोविड -19 की बढ़ती स्थिति को देखते हुए, नागरिक चुनावों को स्थगित कर दिया जाना चाहिए। गुरुवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और आयोग ने एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपने की कोशिश की थी। आयोग की ओर से पेश अधिवक्ता जयंत मित्रा ने कहा था कि आयोग चुनाव रोकने का फैसला नहीं ले सकता, क्योंकि यह राज्य की जिम्मेदारी है। मित्रा ने कहा, कानून के मुताबिक आयोग पूर्व घोषित चुनाव को रद्द नहीं कर सकता लेकिन अगर राज्य में आपदा प्रबंधन कानून लागू होता है तो चुनाव रद्द करना होगा।

वहीं, राज्य की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि चुनाव रद्द करने का अधिकार सिर्फ आयोग के पास है और राज्य का इससे कोई लेना-देना नहीं है। खंडपीठ ने राज्य और आयोग दोनों से इस मामले में समन्वय की कमी के बारे में पूछा। अदालत ने शुक्रवार को आयोग को इस मुद्दे पर अंतिम फैसला लेने का निर्देश दिया। अब आयोग को राज्य के पत्र के बाद, चुनाव आयोग को चुनाव स्थगित करने में कोई समस्या नहीं है।

(आईएएनएस)

Created On :   15 Jan 2022 3:00 PM IST

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