पांच चरणों का पूरा हुआ मतदान, छठे व सातवें चरण में बसपा के बागियों की होगी अग्निपरीक्षा
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अब धीरे-धीरे खत्म होने के दौर में हैं। यूपी में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होना था। जिनमें से पांच चरणों का मतदान हो चुका है। अब छठे व सातवें चरण का मतदान आगामी 3 मार्च व 7 मार्च को होगा तथा चुनाव का परिणाम 10 मार्च को आयेगा। आगामी दो चरणों की लड़ाई पूर्वांचल की माटी पर लड़ी जाएगी। छठे व सातवें चरण में पूर्वांचल की 111 सीटें हैं। कहा जाता है कि जो पार्टी पूर्वांचल को फतह करती है, उसके लिए लखनऊ की राह आसान हो जाती है।
पूर्वांचल यूपी में सत्ता का दरवाजा खोलता है। आखिरी दो चरणों में सबसे ज्यादा साख अगर किसी की दांव पर लगी है तो वह उन दल-बदलुओं की है जो इस बार बसपा छोड़कर साइकिल की सवारी किए हैं। बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर सपा का दामन थामने वाले राम अचल राजभर, लालजी वर्मा और पूर्वांचल के कद्दावर ब्राह्मण नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी की परीक्षा की घड़ी आ गई है। इन नेताओं को अबकी अपनी सीट बचानी भी है और ये भी दिखाना है कि वो किसी भी पार्टी में जाकर चुनाव जीत सकते है। अंतिम दो चरणों के मतदान में इन बागी नेताओं की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी।
इस जिले में सबसे ज्यादा दल बदलू
अबकी बार यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा के तीन बागी अंबेडकर नगर जिले की तीन सीटों से मैदान में हैं। अंबेडकरनगर जिला हमेशा से बसपा का गढ़ माना जाता रहा है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में जब भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला था और सरकार बनाई थी। उस समय भी बसपा ने जलालपुर, अकबरपुर और कटेहरी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। साल 2019 में लोकसभा चुनाव में भी बसपा के रितेश पांडेय ने यह सीट जीती थी। हालांकि बाद में उन्होंने किन्हीं कारणों से बसपा से इस्तीफा दे दिया था।
अबकी बार 2022 विधानसभा चुनाव में सपा ने उनके पिता राकेश के पांडेय पर भरोसा कर जलालपुर सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सपा को राकेश पांडेय कितना फायदा पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा बसपा के कद्दावर नेता रहे राम अचल राजभर अकबरपुर सीट से सपा के टिकट पर मैदान में उतरे हैं। वह लगातार छह बार चुनाव जीत चुके हैं, अबकी बार सातवीं जीत के लिए ताल ठोक रहे हैं। बसपा से बगावत करने वाले लालजी वर्मा भी सपा की टिकट पर कटेहरी विधानसभा सीट से मैदान में उतरे हैं। उन्होंने पिछली बार इस सीट पर जीत हासिल की थी।
हरिशंकर तिवारी के बेटे की साख दांव पर
यूपी विधानसभा चुनाव में पूर्वांचल की चिल्लूपार सीट हाई-प्रोफाइल सीट में शामिल है। पूर्वांचल के सबसे बड़े ब्राह्मण चेहरा हरिशंकर तिवारी का परिवार इस बार साइकिल पर सवार हो चुका है। हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी इस बार सपा के टिकट पर मैदान में हैं। पिछली बार वह बसपा से इस सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे।
सपा ने अबकी बार विनय शंकर तिवारी पर भरोसा जताया है। माना जा रहा है कि हरिशंकर तिवारी के बेटे को चिल्लूपार से टिकट देकर सपा ने पूर्वांचल के ब्राह्मण वोटरों को साधने की कोशिश की है। हालांकि ये तो 10 मार्च को विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद ही साफ होगा कि सपा को कितना फायदा हुआ।
Created On :   28 Feb 2022 9:19 PM IST