खरगोन हिंसा को लेकर मप्र में गरमा रही सियासत

Politics heating up in MP regarding Khargone violence
खरगोन हिंसा को लेकर मप्र में गरमा रही सियासत
मध्य प्रदेश खरगोन हिंसा को लेकर मप्र में गरमा रही सियासत
हाईलाइट
  • कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर हुई एफआईआर

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई झड़प के बाद तनाव के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने से राज्य में सियासत गरमा गई है।

सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिला प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदार ठहराने वाले राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक तस्वीर पोस्ट की है जिसमें एक मस्जिद पर लोगों के एक समूह को भगवा झंडा लहराते हुए दिखाया गया है। हालांकि, तस्वीर नकली निकली और बाद में, सिंह की पोस्ट को उनके ट्विटर अकाउंट से हटा दिया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित राज्य के भाजपा नेताओं ने सिंह की पोस्ट को राज्य में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने की साजिश बताया। राज्य के गृह मंत्री ने कहा कि दिग्विजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद मंगलवार शाम को भोपाल थाने में सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

एफआईआर के जवाब में दिग्विजय सिंह ने बाद में मंगलवार शाम भोपाल पुलिस कमिश्नर और श्यामला हिल्स थाने को पत्र लिखकर सोशल मीडिया पर एक पुरानी पोस्ट के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की मांग की। पत्र में, दिग्विजय सिंह ने उल्लेख किया कि चौहान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक छेड़छाड़ वाला वीडियो साझा किया था। उन्होंने पत्र में कहा कि 19 मई 2019 को, शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का एक छेड़छाड़ वाला वीडियो साझा किया था। यह चौहान द्वारा किया गया एक अपराध था और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि कांग्रेस नेता ने उस वीडियो को भोपाल के पुलिस आयुक्त के साथ भी साझा किया है। इस बीच खरगोन में पुलिस और जिला प्रशासन की ओर से दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई जारी है और अब तक करीब 100 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मंगलवार शाम तक 50 से अधिक इमारतों को भी ध्वस्त कर दिया गया है।

हालांकि, कई विपक्षी दलों ने राज्य सरकार की बुलडोजर कार्रवाई का विरोध करते हुए तर्क दिया है कि उचित जांच के बिना कोई भी कार्रवाई अन्याय होगी। वहीं राज्य के गृह मंत्री ने सरकार की कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि जिन्हें कैमरे में पत्थर फेंकते देखा जा सकता है, उन्हें दंडित किया जा रहा है, और जिन भवनों को तोड़ा गया वे अवैध थे।

 

(आईएएनएस)

Created On :   13 April 2022 9:00 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story