MP में 3 विधानसभा, 1 लोकसभा सीट के साथ निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज

Political parties preparing for assembly election and Lok Sabha by-elections in Madhya Pradesh
MP में 3 विधानसभा, 1 लोकसभा सीट के साथ निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज
MP में 3 विधानसभा, 1 लोकसभा सीट के साथ निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में तीन विधानसभा, एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है। इसके अलावा नगरी निकाय व पंचायत चुनाव भी कराए जाने है। अगामी चुनावों के चलते सत्ताधारी दल भाजपा और कांग्रेस ने इन चुनावों के लिए जमीनी तैयारी तेज कर दी है। राज्य में खंडवा लोकसभा के अलावा पृथ्वीपुर जोबट और रैगांव में विधानसभा के उपचुनाव होने वाले हैं इन चार स्थानों में से खंडवा के अलावा रैगांव से पिछला चुनाव भाजपा जीती थी तो वही पृथ्वीपुर और जोबट से कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी। यह चुनाव वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है।

कांग्रेस और भाजपा दोनों ही इन उपचुनावों को लेकर गंभीर है यही कारण है कि चुनावों की तारीखों का ऐलान होने से पहले ही दोनों दलों ने रणनीति तेज करने के साथ नेताओं की तैनाती भी शुरू कर दी है। कांग्रेस जहां तीनों विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रभारी नियुक्त कर चुकी है तो वहीं भाजपा ने विधानसभा बार सत्ता और संगठन से जुड़े लोगों को तैनात कर दिया है। भाजपा की राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश के अलावा प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव जहां राज्य पर खास नजर रखे हुए हैं तो वही बैठकों का सिलसिला चलाया। दमोह उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा आगामी समय में होने वाले उपचुनावों में किसी तरह की चूक नहीं करना चाहती।

भाजपा ने भोपाल में उप चुनावों को लेकर बैठक भी आयोजित की जिसमें राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत के अलावा सरकार के मंत्री और पदाधिकारी भी मौजूद रहे इस बैठक में पार्टी नेताओं ने चुनाव की जीत के लिए सारा जोर लगाने के निर्देश दिए। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने खंडवा लोकसभा उपचुनाव को लेकर 29 जुलाई को भोपाल में बैठक बुलाई है। इस बैठक में खंडवा संसदीय क्षेत्र के नेता और पदाधिकारी हिस्सा लेंगे साथ ही आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव का कहना है कि खंडवा के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमेशा ही छल किया है जब भी चुनाव आते हैं वह इस इलाके के लिए घोषणाएं करते हैं और गोद लेने तक की बात कहते हैं मगर चुनाव होने के बाद हालात जस के तस बने रहते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा और लोकसभा के उपचुनाव दोनों ही दलों के लिए महत्वपूर्ण है यही कारण है कि वे अपनी पूरी ताकत चुनाव में झोंकना चाहते हैं। किसी तरह की चूक भी नहीं करना चाहते। ऐसा इसलिए क्योंकि इन चुनावों को वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा के चुनाव के पहले का बड़ा चुनाव माना जा रहा है।

Created On :   26 July 2021 2:40 PM IST

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