पीएम का सभी देशों से वैश्विक आयुर्वेद के लिए सहयोग का आग्रह
- आयुर्वेद को वैश्विक दर्जा दिलाने
डिजिटल डेस्क, पणजी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सभी देशों से भारत के साथ सहयोग करने और आयुर्वेद को वैश्विक दर्जा दिलाने में योगदान देने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने 9वां विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के समापन सत्र को संबोधित किया। गोवा के राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई, मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री श्रीपाद नाइक और केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री महेंद्रभाई भी इस अवसर पर मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने कहा, सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड मेडिसिन्स जैसी संस्थाएं योग और आयुर्वेद पर शोध कर रही हैं। ये शोधपत्र प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रहे हैं। हाल ही में जर्नल ऑफ अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी एंड न्यूरोलॉजी ने कई शोधपत्र प्रकाशित किए। मैं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के सभी प्रतिनिधियों, सभी देशों को आयुर्वेद को वैश्विक दर्जा दिलाने के लिए एक साथ आने की कामना करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि योग को दुनिया भर में स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती के वैश्विक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा, आज योग और आयुर्वेद लोगों के लिए उम्मीद बन गए हैं। आयुर्वेद हमें जीवन जीने की प्रणाली और कैसे खुश रहना सिखाता है। यह सिखाता है कि स्वस्थ कैसे रहा जाए। आयुर्वेद भी जीवन जीने का एक तरीका है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद हमें सिखाता है कि शरीर और दिमाग को एक साथ और एक दूसरे के साथ स्वस्थ होना चाहिए। ज्ञान, विज्ञान और संस्कृति के अनुभव के साथ, हमारा उद्देश्य विश्व कल्याण की अवधारणा को बढ़ावा देना है और आयुर्वेद उसी के लिए एक प्रभावी माध्यम है।
मोदी ने कहा, मुझे खुशी है कि 30 से अधिक देशों ने आयुर्वेद को एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के रूप में मान्यता दी है। हमें संयुक्त प्रयासों से अधिक देशों तक पहुंचना है। मुझे विश्वास है कि ये तीन संस्थान (आज उद्घाटन किए गए) आयुष स्वास्थ्य प्रणाली को नया बढ़ावा देंगे। आयुर्वेद एक विज्ञान है, जिसका आदर्श वाक्य सभी को अच्छे स्वास्थ्य के साथ खुश देखना है। जीवन रोग मुक्त होना चाहिए। दुनिया आयुर्वेद की ओर आकर्षित हो रही है। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब से मैंने इसे प्रोत्साहित करना शुरू कर दिया था। जामनगर में डब्ल्यूएचओ द्वारा पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला वैश्विक केंद्र खोलने में मदद की। हमने आयुष के लिए एक अलग मंत्रालय भी स्थापित किया।
उन्होंने कहा, हमारे पास आयुर्वेद के परिणाम भी थे और प्रभाव भी हमारे पक्ष में थे, लेकिन प्रमाणों के मामले में हम पिछड़ रहे थे। आधुनिक वैज्ञानिक मापदंडों पर हर दावे को सत्यापित करने के लिए हमारे चिकित्सा डेटा, शोध और पत्रिकाओं को एक साथ लाना होगा। सरकार ने साक्ष्य आधारित अनुसंधान डेटा के लिए एक आयुष अनुसंधान पोर्टल बनाया है, जहां लगभग 40,000 शोध अध्ययन उपलब्ध हैं। कोरोना काल में हमारे पास आयुष से संबंधित लगभग 150 विशिष्ट शोध अध्ययन थे। अब हम एक राष्ट्रीय आयुष अनुसंधान संघ बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, आयुष उद्योग में सभी के लिए कई अवसर हैं। लगभग 40,000 एमएसएमई पहल कर रहे हैं। आयुष उद्योग आठ वर्षो में 20,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 1.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
आईएएनएस
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Created On :   11 Dec 2022 11:30 PM IST