पूर्वी आर्थिक मंच 2022 के पूर्ण सत्र में प्रधानमंत्री का संबोधन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। व्लादि वोस्तोक में आयोजित किए जा रहे सातवें पूर्वी आर्थिक मंच में वर्चुअल रूप से जुड़े। इसी महीने, व्लादि-वोस्तोक में भारत केकांसुलेट की स्थापना के तीस वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस शहर में कांसुलेट खोलने वाला पहला देश भारत ही था। और तब से, यह शहर हमारे संबंधों के कई मील के पत्थर का साक्षी रहा है।
2015 में स्थापित किया गया यह फोरम, आज रूसी सुदूर पूर्व के विकास में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का एक प्रमुख वैश्विक मंच बन गया है।
2019 में इस फोरम में प्रधानमंत्री ने हिस्सा लिया था, उस समय भारत की अधिनियम सुदूर पूर्व नीति की घोषणा की गई थी। और परिणामस्वरूप, रूसी सुदूर पूर्व के साथ विभिन्न क्षेत्रों में भारत का सहयोग बढ़ा है
चाहे हम इंटरनेशनल नॉर्थ साउथ कॉरिडोर की बात करें, इंग्लिश - व्लादि वोस्तोक मैरीटाइम कॉरिडोर की या, नॉर्दर्न सी रूट कीभविष्य में कनेक्टिविटी हमारे संबंधों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
भारत आर्कटिक विषयों पर रूस के साथ अपनी भागीदारी को मजबूत करने के लिए इच्छुक है। ऊर्जा के क्षेत्र में भी सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। उर्जा के साथ-साथ, भारत ने रूस के सुदूर पूर्व में फार्मा और हीरे के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण निवेश किया है।
भारत के प्राचीन सिद्धांत वसुधैव कुटुंबकम ने हमें विश्व को एक परिवार के रूप में देखना सिखाया है। आज के वैश्वीकृत दुनिया में, विश्व के किसी एक हिस्से की घटनाएं पूरे विश्व पर प्रभाव पैदा करती हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   7 Sept 2022 3:30 PM IST