काशी से तमिलनाडु को प्रधानमंत्री मोदी ने दिया संदेश - भाषा भेद को दूर कर भावनात्मक एकता कायम करना जरूरी

PM Modis message to Tamil Nadu from Kashi, It is necessary to establish emotional unity by removing language difference
काशी से तमिलनाडु को प्रधानमंत्री मोदी ने दिया संदेश - भाषा भेद को दूर कर भावनात्मक एकता कायम करना जरूरी
एकता कायम करना जरूरी है काशी से तमिलनाडु को प्रधानमंत्री मोदी ने दिया संदेश - भाषा भेद को दूर कर भावनात्मक एकता कायम करना जरूरी

डिजिटल डेस्क, वाराणसी/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषा के नाम पर देश में राजनीतिक विवाद खड़ा करने की कोशिश करने वाले तत्वों को दो टूक शब्दों में नसीहत देते हुए कहा है कि भाषा भेद को दूर कर भावनात्मक एकता कायम करना जरूरी है।

देश की सांस्कृतिक राजधानी कहे जानी वाली काशी में महीने भर तक चलने वाले काशी तमिल संगमम कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद वाराणसी और तमिल भाषी लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी और तमिलनाडु के ऐतिहासिक और प्राचीन संबंधों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने काशी और तमिलनाडु, दोनों को शिवमय और शक्तिमय बताते हुए कहा कि काशी में बाबा विश्वनाथ हैं तो तमिलनाडु में भगवान रामेश्वरम का आशीर्वाद है। एक स्वयं में काशी है, तो तमिलनाडु में दक्षिण काशी है।

काशी-कांची के रूप में दोनों की सप्तपुरियों में अपनी महत्ता है। हमें आजादी के बाद हजारों वर्षों की परंपरा और इस विरासत को मजबूत करना था, इस देश का एकता सूत्र बनाना था, लेकिन दुर्भाग्य से इसके लिए बहुत प्रयास नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम इस संकल्प के लिए एक प्लेटफॉर्म बनेगा और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने के लिए ऊर्जा देगा। उन्होंने काशी और तमिलनाडु, दोनों को संस्कृति और सभ्यता का टाइमलेस सेंटर्स बताते हुए कहा कि दोनों क्षेत्र, संस्कृत और तमिल जैसी विश्व की सबसे प्राचीन भाषाओं के केंद्र है।

तमिल को दुनिया की सबसे प्राचीन, लोकप्रिय और जीवित भाषा बताते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि रामानुजाचार्य और शंकराचार्य से लेकर राजाजी और सर्वपल्ली राधाकृष्णन तक दक्षिण के विद्वानों के भारतीय दर्शन को समझे बिना हम भारत को नहीं जान सकते हैं।

मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आगे कहा कि हमारे देश में संगमों का बड़ा महत्व रहा है। नदियों और धाराओं के संगम से लेकर विचारों व विचारधाराओं, ज्ञान व विज्ञान और समाजों व संस्कृतियों के हर संगम को हमने सेलिब्रेट किया है। इसलिए काशी तमिल संगमम अपने आप में विशेष और अद्वितीय है। काशी और तमिलनाडु से जुड़े रहे कई ऐतिहासिक, प्रसिद्ध और प्रमुख लोगों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि एक ओर पूरे भारत को अपने आप में समेटे हमारी सांस्कृतिक राजधानी काशी है तो दूसरी ओर, भारत की प्राचीनता और गौरव का केंद्र, हमारा तमिलनाडु और तमिल संस्कृति है। ये संगम भी गंगा-यमुना के संगम जितना ही पवित्र है।

17 नवंबर से लेकर 16 दिसंबर तक, महीने भर चलने वाला यह काशी तमिल संगमम 2022 आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भारत सरकार की एक पहल है। इसका आयोजन एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के अनुसार किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों का उत्सव मनाना, इसकी पुन: पुष्टि करना और फिर से खोज करना है। इसके जरिए काशी और तमिलनाडु, दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, विद्यार्थियों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों,कलाकारों आदि सहित जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को एक साथ आने, अपने ज्ञान, संस्कृति और श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करने तथा एक दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करना है।

उद्घाटन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन के अलावा अन्य कई गणमान्य और प्रतिष्ठित व्यक्ति भी शामिल हुए।

(आईएएनएस)

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Created On :   19 Nov 2022 5:01 PM IST

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