रामनवमी के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
दिल्ली रामनवमी के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें विभिन्न राज्य सरकारों- पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, झारखंड और तेलंगाना को संपत्ति के नुकसान और चोटों का आकलन करने और रामनवमी के जुलूस के दौरान भड़की हिंसा के कारण लोगों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए और पर्याप्त मुआवजा देने का निर्देश देने की मांग की गई है।

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और हरि शंकर जैन ने हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की ओर से याचिका दायर की। दलील में कहा गया है कि तहसीन पूनावाला मामले (2018) में शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को घृणा अपराधों को रोकने के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए दिशा-निर्देश दिए थे, लेकिन संबंधित राज्य सरकारों ने शीर्ष अदालत द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कोई कदम नहीं उठाया है। यदि दिशानिर्देशों का पालन किया गया होता, तो रामनवमी के दिन शर्मनाक कृत्य नहीं होते।

याचिका में कहा गया है : यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वतंत्र भारत में हिंदुओं को हमारे धार्मिक जुलूसों को शांतिपूर्ण तरीके से निकालने और उनके प्रथागत संस्कारों और अनुष्ठानों का पालन करने की अनुमति नहीं दी जा रही है और मुसलमानों के एक समूह द्वारा परेशान किया जा रहा है और ऐसी गलत घटनाओं को रोकने में संबंधित राज्य सरकारें विफल रही हैं।

याचिका में देश के विभिन्न हिस्सों : हैदराबाद (तेलंगाना), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), हावड़ा, उत्तर दिनाजपुर (पश्चिम बंगाल), सासाराम और नालंदा (बिहार), वडोदरा (गुजरात), जमशेदपुर (झारखंड) आदि में कथित पूर्व नियोजित तरीके से बड़े पैमाने पर हुई हिंसा और आगजनी का हवाला दिया गया है।

याचिका में कहा गया है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के बारे में बात की और हिंदुओं से ऐसे क्षेत्रों से जुलूस नहीं निकालने को कहा। यह अवधारणा संविधान के मूल विषय के खिलाफ है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसे मुस्लिम बहुल क्षेत्र माना जा सकता है। देश के प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्ण तरीके से सार्वजनिक सड़कों पर धार्मिक जुलूस निकालने का अधिकार है।

याचिका में राज्य सरकारों को निर्देश देने की मांग की गई है कि रामनवमी उत्सव के संबंध में किए गए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से सत्यापन के बाद की जाए। मांग की गई है, संबंधित राज्य सरकारों को 29/30/31.03.2023 को रामनवमी उत्सव मनाने और उसके बाद उपद्रवियों द्वारा किए गए हमलों में घायल हुए और अपना कीमती सामान खोने वाले व्यक्तियों द्वारा किए गए नुकसान का निर्धारण करने और पीड़ितों को उचित मुआवजा देने का निर्देश दें।

याचिका में राज्य सरकारों को एहतियाती उपाय करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है, ताकि भविष्य में रामनवमी और अन्य त्योहारों पर शोभायात्रा पर हमले या बाधा डालने की घटना न हो सके।अभद्र भाषा के संबंध में कुर्बान अली की एक लंबित याचिका में आवेदन दायर किया गया है।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   3 April 2023 11:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story