पवार ने भाजपा को 1996 में ही विभाजनकारी कह दिया था लेकिन हम इसे 2019 में समझ पाए

Pawar had called BJP divisive in 1996 itself but we understood it in 2019
पवार ने भाजपा को 1996 में ही विभाजनकारी कह दिया था लेकिन हम इसे 2019 में समझ पाए
शिव सेना पवार ने भाजपा को 1996 में ही विभाजनकारी कह दिया था लेकिन हम इसे 2019 में समझ पाए

डिजिटल डेस्क, मुंबई शिवसेना के प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने स्पष्ट तरीके से शनिवार को इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता शरद पवार ने भारतीय जनता पार्टी को 1996 में ही विभाजनकारी पार्टी करार दे दिया था लेकिन शिवसेना को यह बात 2019 में समझ में आई थी। राउत ने पवार को दूरदर्शी राजनेता करार देते हुए कहा कि उन्होंने महाराष्ट्र तथा देश को एक दिशा दी है और लगभग 25 वर्ष पहले ही उन्होंने इस बात की चेतावनी दे दी थी कि भाजपा की नीतियां विभाजनकारी हैं जिसने देश की एकता को अवरूद्व कर दिया था।

उन्होंने यह बात पवार के रविवार(12 दिसंबर) को मनाए जाने 81वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर एक मराठी पुस्तक नीमकीछी बोलानेयानि सटीक बात के विमोचन के मौके पर कही। इस पुस्तक में पवार के 61 भाषणों का संग्रह है जो उन्होंने विभिन्न राजनीतिक बैठकों के दौरान दिए थे। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का शीर्षक इतना उपयुक्त है कि इसकी प्रतियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दी जानी चाहिए ताकि वह यह समझ सकें कि सटीकता से किस प्रकार बोला जा सकता है। राऊत ने कहा कि जो बात पवार ने 25 वर्षों पहले कही थी वह बहुत सही थी लेकिन दुर्भाग्य से हमें इसे समझने में दशकों लग गए लेकिन 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद हमने भाजपा को बाहर का रास्ता दिखा दिया और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी तथा कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाया और इसकी अगुवाई मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की थी।

उन्होंने कहा कि पवार ने जो बात 1996 में कही थी वह काफी सही थी तथा उन्होंने भाजपा की नीतियों को दमनकारी करार देते हुए था जिसने देश को काफी पीछे पहुंचा दिया था, लेकिन शिव सेना इस बात को समझ नहीं पाई थी। उन्होंने कहा कि एक समय संसद का केन्द्रीय हाल विभिन्न दलों की बैठकों के लिए मशहूर हुआ करता था जहां पत्रकार शीर्ष नेताओं के साथ बैठकर देश के समक्ष ज्वलंत मसलों पर चर्चा किया करते थे लेकिन पिछले कुछ वषों में देखने में आया है कि जो पत्रकार सवाल पूछने की कोशिश करते हैं उन्हें चुप करा दिया जाता है। इस तरह सवाल पूछने की प्रवृति पर रोक लगाने से देश में बहुमतवाद को बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर पवार की बेटी और राकांपा सांसद सुप्रिया सुले, कांग्रेस और शिवसेना के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

(आईएएनस)

Created On :   11 Dec 2021 8:30 PM IST

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