भाजपा सरकार में दल बदलुओं को खास तवज्जो, कैडर के नेता हुए किनारे

Particular attention to defectors in BJP government, cadre leaders were on edge
भाजपा सरकार में दल बदलुओं को खास तवज्जो, कैडर के नेता हुए किनारे
उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार में दल बदलुओं को खास तवज्जो, कैडर के नेता हुए किनारे

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में दल बदल कर बाहर से आए नेताओं पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान दिख रही है। उन्हें न सिर्फ मंत्री बनाया गया बल्कि पावर फुल विभाग देकर उनका रूतबा भी बढ़ाया गया है। वहीं पार्टी ने अपने कई जमीनी कार्यकर्ता जो योगी सरकार की पहली पारी में मंत्री रह चुके हैं, उन्हें विधायक बनने के बावजूद पैदल कर दिया गया है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद को योगी सरकार 2.0 में मिला लोक निर्माण विभाग काफी चर्चा में है। योगी सरकार के प्रथम कार्यकाल में यह विभाग उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य संभाल रहे थे, लेकिन इस बार उनसे यह भारी भरकम विभाग ले लिया गया है।

दरअसल लोक निर्माण विभाग उप्र में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। पहले की सरकारों में भी यह विभाग नम्बर दो की हैसियत वाले मंत्री को ही मिलता रहा है। सपा सरकार में शिवपाल सिंह इस विभाग को संभालते रहे हैं। बसपा में यह विभाग नसीमुद्दीन सिद्दकी के पास था। भाजपा में एंट्री करते ही योगी सरकार के पहले कार्यकाल में जितिन प्रसाद प्राविधिक शिक्षा मंत्री बनाए गए थे। अब उन्हें लोक निर्माण विभाग दिया गया है। इससे जितिन प्रसाद का कद काफी बढ़ गया है।

योगी सरकार-2.0 में एक और नया चेहरा शामिल हुआ है। कानपुर देहात के भोगनीपुर विधानसभा सीट से जीतकर आए राकेश सचान कैबिनेट मंत्री बनाए गये हैं। वह भी विधानसभा चुनाव की शुरूआत में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। राकेश सचान ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत सपा से की थी। कानपुर के घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से 1993 में वह सपा से विधायक चुने गए थे। वर्ष 2002 में उन्हें दोबारा विधायक चुना गया। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले राकेश सचान वर्ष 2009 में फतेहपुर सीट से समाजवादी पार्टी से लोकसभा का चुनाव जीते। 2014 में यहीं से वह हार गए।

वर्ष 2019 में सपा से टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस का दामन थामकर मैदान में उतरे। हालांकि, उस बार भी वह चुनाव नहीं जीत पाए। भाजपा के टिकट से इस बार वह चुनाव ही नहीं जीते बल्कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्र उद्योग जैसे विभागो की जिम्मेदारी के साथ वह योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं।

इसी तरह योगी सरकार 2.0 के स्वतंत्र प्रभार वाले आबकारी एवं मद्यनिषेध राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। चुनाव से पहले उन्हें विधानसभा में डिप्टी स्पीकर भी बनाया गया था। 2008 में हुए उप चुनाव में नितिन करीब 17 हजार वोटों से जीतकर पहली ही बार में विधायक बने थे। अखिलेश सरकार में उन्हें 2012 में राज्यमंत्री बनाया गया था। वह 2012 व 2017 में सपा से विधायक रहे।

उधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से दया शंकर मिश्रा दयालु को मंत्री बनाया जाना भी सियासी समीक्षकों के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है। दया शंकर मिश्रा दयालु किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, फिर भी योगी सरकार में उनको राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। 2017 के चुनाव से पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उस समय भी भाजपा सरकार ने उन पर विश्वास जताते हुए पूर्वांचल विकास बोर्ड में उनको उपाध्यक्ष बनाया था। अब उनको मंत्री का पद देकर उनके रुतबे में इजाफा किया गया है।

ऐसे ही सलेमपुर से सपा के टिकट पर 2017 में चुनाव लड़ चुकी विजय लक्ष्मी गौतम को भाजपा में आते ही राज्यमंत्री के पद से नवाजा गया है। उधर, रायबरेली में कांग्रेस से आए दिनेश प्रताप सिंह पर भी मेहरबानी करते हुए भाजपा सरकार ने उन्हें भी राज्य मंत्री बना दिया है।

योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे श्रीकांत शर्मा, सिद्धार्थनाथ सिंह, महेन्द्र सिंह तथा नीलकंठ तिवारी को इस बार सरकार में जगह नहीं मिली है। इनके साथ ही कैबिनेट मंत्री रहे आशुतोष टंडन गोपाल जी तथा राज्य मंत्री मेहसिन रजा को योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 में शामिल नहीं किया गया है। योगी सरकार 1.0 में कैबिनेट मंत्री रहे जय प्रताप सिंह तथा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे अशोक कटारिया को भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

इसके अलावा पिछली बार के कैबिनेट मंत्री राम नरेश अग्निहोत्री तथा रमापति शास्त्री के साथ राज्य मंत्री अतुल गर्ग, श्रीराम चैहान, अनिल शर्मा, सुरेश पासी, चैधरी उदय भान सिंह, रामशंकर सिंह पटेल, नीलिमा कटियार, महेश गुप्ता तथा डा. जीएस धर्मेश को भी इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।

(आईएएनएस)

Created On :   3 April 2022 10:00 AM IST

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