पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत और 14 दिन के लिए बढ़ी
- धीमी जांच प्रक्रिया पर असंतोष
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी। चटर्जी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती घोटाले में आरोपी हैं।
घोटाले में शामिल डब्ल्यूबीएसएससी और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पांच शीर्ष अधिकारियों सहित छह अन्य लोगों की न्यायिक हिरासत अवधि भी बढ़ा दी गई। हालांकि, चटर्जी की न्यायिक हिरासत बढ़ाने के बावजूद अदालत ने केंद्रीय एजेंसी की धीमी जांच प्रक्रिया पर असंतोष प्रकट किया।
न्यायाधीश को सोमवार को अदालत में बहस के दौरान यह कहते हुए सुना गया, केंद्रीय एजेंसी अपनी जांच 150 दिन से जारी रखे हुई है। मुझे आश्चर्य है कि जांच प्रक्रिया कब खत्म होगी। सीबीआई के वकील ने कहा कि घोटाला गहरी और सुनियोजित साजिश का नतीजा है और अगर जमानत दी जाती है तो आरोपी सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने और मामले में गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास कर सकता है। चटर्जी के वकील सेलिम रहमान ने दावा किया कि उनका मुवक्किल राजनीतिक साजिश का शिकार है।
चटर्जी के वकील ने तर्क दिया, केंद्रीय एजेंसी की जांच प्रक्रिया पूरी करने में अक्षमता के कारण मेरे मुवक्किल को सलाखों के पीछे और कितने दिन गुजारने पड़ेंगे? सीबीआई मेरे मुवक्किल को सलाखों के पीछे रखने के बहाने के रूप में आगे की जांच सिद्धांत का उपयोग कर रही है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने चटर्जी और छह अन्य की न्यायिक हिरासत और 14 दिनों के लिए बढ़ा दी।
उन्हें 12 दिसंबर को फिर से उसी अदालत में पेश किया जाएगा। इससे पहले, सोमवार सुबह अदालत परिसर में पेश होने के बाद चटर्जी ने पत्रकारों से कहा कि तृणमूल कांग्रेस अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों में विजेता बनकर उभरेगी।
आईएएनएस
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Created On :   28 Nov 2022 10:30 PM IST