हर्षवर्धन के इस्तीफे पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कसा तंज, कहा- मोदी खुद कोई जिम्मेदारी नहीं लेते, बलि का बकरा ढूंढते हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। आज भी सदन कार्यवाही विपक्ष के हंगामे के साथ शुरू हुई। विपक्षी दलों ने राज्यसभा में कोरोनावायरस मुद्दे पर चर्चा के लिए राजी होने के बाद दोपहर एक बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कुछ सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं क्योंकि मुझे बोलने नहीं दिया गया। मैं पचास साल से सदस्य हूं और 2019 को छोड़कर चुनाव नहीं हारा जब चुनाव में धांधली हुई थी।
खड़गे ने सीधे पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह खुद जिम्मेदारी नहीं लेते हैं बल्कि बलि का बकरा ढूंढते हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी ने अपील की थी कि लोग थाली बजाएं, मोमबत्तियां जलाएं। लोगों ने उनकी बात पर भरोसा किया और वही किया। लेकिन उन्होंने अपने वादे को पूरा नहीं किया बल्कि निराश किया। लेकिन अब उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को लेने की बजाय हेल्थ मिनिस्टर हर्षवर्धन को ही बलि का बकरा बना दिया।"
सदन के फिर से शुरू होने और कोरोना योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू होने के बाद खड़गे ने चर्चा जारी रखी और कहा कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान, पूरी तरह से अराजकता थी और विशेष रूप से गंगा में दयनीय स्थिति देखी गई थी। उन्होंने कहा, मौतों पर सरकार का आंकड़ा सही नहीं है क्योंकि भारत में छह लाख से ज्यादा गांव हैं और अगर एक गांव में पांच लोगों की मौत हुई है तो 30 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई है, लेकिन यदि आप शहरी केंद्रों को जोड़ते हैं तो डेटा 52 लाख से अधिक लोगों का हो सकता है जिन्होंने कोविड -19 के कारण दम तोड़ दिया। सरकार गलत डेटा जारी कर रही है, इसलिए उन्हें बेनकाब करना आवश्यक है।
उन्होंने कोविड पर मोहन भागवत के बयान पर भी आरएसएस पर हमला किया, जिन्होंने कहा था कि जो लोग कोविड के कारण मारे गए वे जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्त हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार महामारी के प्रबंधन में पूरी तरह विफल रही है क्योंकि ऑक्सीजन, अस्पताल के बिस्तर उपलब्ध नहीं थे। खड़गे ने चुनाव प्रचार के दौरान पश्चिम बंगाल में बड़ी रैलियां करने के लिए सरकार और भाजपा पर भी हमला बोला।
Created On :   20 July 2021 3:12 PM IST