विपक्षी दलों ने निर्वाचन आयोग पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र की जीत बताया
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों के चुनाव की कमेटी में नेता प्रतिपक्ष व मुख्य न्यायाधीश शामिल को शामिल किए जाने के न्यायालय फैसले का विपक्षी दलों ने एक सुर में सराहना की है। विपक्षी दलों के अनुसार बीजेपी के पूर्व में किए रवैये को देखते हुए न्यायालय का फैसला लोकतंत्र के हित में बताया है। कांग्रेस पार्टी ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी संस्था के प्रमुख की नियुक्ति को लेकर भी इसी प्रक्रिया का पालन किए जाने की मांग की।
इस मसले पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, भाजपा के लोकतंत्र और संविधान विरोधी चाल, चेहरे और चरित्र को देखते हुए..देश के मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के संदर्भ में, सर्वोच्च न्यायालय का दिया गया ये निर्णय बेहद महत्वपूर्ण है ! लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करने की भाजपाई साजिश कभी कामयाब नहीं होगी! कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने गुरुवार कहा कि अब इस फैसले के बाद निर्वाचन आयोग में बैठे लोगों को इस प्रक्रिया से गुजरकर इस संस्था में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि ईडी के निदेशक की नियुक्ति को लेकर भी यही प्रक्रिया अपनानी चाहिए। क्योंकि आज ईडी सरकार का भाई और गठबंधन का हिस्सा बन गया है।
वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ट्वीट कर कहा, उच्चतम न्यायालय का ऐतिहासिक आदेश एक लोकतांत्रिक जीत है। हम चुनाव आयुक्तों और मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर संविधान पीठ के फैसले का स्वागत करते हैं। दमनकारी ताकतों के दुर्भाग्यपूर्ण प्रयासों पर लोगों की इच्छा भारी पड़ती है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओब्रायन ने गुरुवार को कहा कि बहुत ज्यादा समझौता करने वाला निर्वाचन आयोग अब अत्यंत सक्षम बन सकता है।
इसके साथ ही आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय सिंह ने इस मसले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस फैसले से लोकतंत्र मजबूत होगा। उन्होंने कहा, अब प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और प्रधान न्यायाधीश यह फैसला करेंगे कि निर्वाचन आयोग में कौन बैठेगा। निर्वाचन आयोग प्रधानमंत्री की जनसभाओं, योजनाओं की घोषणाओं को ध्यान में रखकर निर्वाचन तिथियां निर्धारित करता था जिससे इस संस्था पर निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे थे। इस फैसले से लोकतंत्र मजबूत होगा।
वहीं शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि यह सर्वोच्च न्यायलय का ये फैसला ऐतिहासिक है और अब चयन प्रक्रिया में बदलाव होगा। दूसरी ओर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे निर्वाचन की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आने तथा निर्वाचन आयोग के और अधिक स्वतंत्र होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सलाह पर की जाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे। जस्टिस केएम जोसेफ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सर्वसम्मति से अपने फैसले में कहा कि यह नियम तब तक कायम रहेगा जब तक कि संसद इस मुद्दे पर कानून नहीं बना देती।
(आईएएनएस)
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Created On :   2 March 2023 7:30 PM IST