अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद संसद में बवाल, चर्चा की मांग को लेकर एक हुआ विपक्ष

Opposition parties show solidarity regarding Hindenburgs report on Adani, MPs adamant on holding discussion
अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद संसद में बवाल, चर्चा की मांग को लेकर एक हुआ विपक्ष
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट अडानी पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद संसद में बवाल, चर्चा की मांग को लेकर एक हुआ विपक्ष
हाईलाइट
  • चर्चा कराने के लिए अड़े विपक्ष

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की वजह से अब राजनीतिक हंगामा होने की संभावना नजर आ रही है। इन रिपोर्ट की वजह से अडानी समूह की कंपनियों के शेयर गिरते जा रहे हैं। जिसको लेकर संसद में अब हंगामा होता हुआ दिखाई दे रहा है। मंगलवार से शुरू हुई ग्रीष्मकालीन सत्र में विपक्ष ने सरकार से अडानी ग्रुप के कंपनियों को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा करने की मांग की है।

इसके पहले सभी विपक्षी पार्टियों ने एक मीटिंग बुलाई थी। जहां पर उन्होंने केंद्र सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाई थी। वहीं बैठक में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, डीएमके, शिवसेना, जेडीयू, एनसीपी जैसी कई बड़ी पार्टियों के नेता मौजूद रहे। गुरूवार को जब संसद शुरू हुई तो सभी विपक्षी दलों ने एक सुर में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर चर्चा करने की मांग की। हंगामा देख लोकसभा अध्यक्ष ने 2 बजे तक सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया है।

सरकार को घेरने के लिए विपक्ष का मास्टरप्लान

अडानी ग्रुप की कंपनियों को लेकर कुल 13 विपक्षी दलों द्वारा चर्चा करने के मांग किए गए हैं। बीते सप्ताह को हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी किया था। जिसमें अडानी ग्रुप के कंपनियों के शेयर को गिरता हुआ बताया गया था। जिसके बाद गौतम अडानी दुनिया के दूसरे सबसे अमीरों की लिस्ट से 10वें नंबर पर आ पहुंचे थे। वहीं विपक्षी दल  अडानी समूह पर घोटाले का आरोप लगाते हुए इस पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं। विपक्ष को एकजुट करने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक मीटिंग बुलाई थी।

जिसमें समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, आप सांसद संजय सिंह, शिवसेना सांसद, प्रियंका चुतुर्वेदी समेत कई सांसद मौजूद रहे। वहीं इस पूरे मामले पर चर्चा करने के लिए सीपीआई नेता बिनॉय विश्वम समेत कई सांसदों ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस भी दिया है। वहीं आज जब संसद की कार्यवाही शुरू हुई तभी विपक्षी की ओर से चर्चा करने की मांग होने लगी।

चर्चा कराने के लिए अड़े विपक्ष

संसद की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने विजय चौक पर धरना दिया। कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा कि, हमने केवल हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर चर्चा करने की मांग की थी, जिस पर मंजूरी नहीं मिली। यह देश का बड़ा घोटाला है इसकी पूरी गहन से जांच होनी चाहिए। सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने अपने स्थगन नोटिस को लेकर कहा कि, यह एक गंभीर मामला है, इस पर चर्चा होनी ही चाहिए। लोगों के पैसे डूबने की कगार पर आ खड़े हुए हैं। जनता का पैसा रिस्क पर है।

सीपीआई नेता ने आगे कहा कि, अडानी ग्रुप की कंपनियों का बहुत ही बुरा हाल है। जिसकी वजह से आम जनता का पैसा डूबने का खतरा बना हुआ है। खासतौर पर एलआईसी ने एक बड़ी रकम निवेश की है और उसकी पूरी पूंजी डूबने पर आ गई है। इसकी वजह से आम निवेशकों को एक बड़ा झटका लग सकता है। इसलिए हम सरकार से चाहते हैं कि इस पर विधिवत रूप से संसद में चर्चा हो।

चीन के मुद्दे पर हंगामा होने की संभावना

लोकसभा सांसद और कांग्रेस नेता मणिकम टैगार ने भी कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। उन्होंने भी अडानी कंपनियों पर जारी की गई रिपोर्ट को लेकर चर्चा करने की मांग की है। जबकि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए जेपीसी गठन करने की मांग की है। इसके अलावा विपक्षी नेता चीन के मुद्दे पर, महंगाई, बेरोजगारी, जैसे अन्य मुद्दों पर सरकार को घेर सकते हैं। इसी कड़ी में मनीष तिवारी ने चीन के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए कार्यस्थगन नोटिस दिया है।

आपको बता दें कि, संसद का बजट सत्र मंगलवार से शुरू हो गया है। जो 13 फरवरी तक चलने वाला है। इसके बाद 14 फरवरी से 12 मार्च तक सदन की कार्यावाही नहीं होगी। 13 मार्च से सत्र दोबारा शुरू होगा जो 6 अप्रैल तक चलने वाला है।

 

Created On :   2 Feb 2023 1:48 PM IST

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