जीटीए चुनाव में केवल 57 प्रतिशत मतदान
कोलकाता, 26 जून (आईएएनएस)। गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) के नए बोर्ड के गठन के लिए रविवार को हुए मतदान में जनता की प्रतिक्रिया की कमी देखी गई और मतदान प्रतिशत केवल 57 प्रतिशत दर्ज किया गया।
राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, पश्चिम बंगाल में नगर निकायों के गठन के लिए किसी भी मतदान में यह सबसे कम मतदान प्रतिशत था।
जीटीए के लिए चुनाव 10 साल के अंतराल के बाद रविवार को हुए थे। राज्य चुनाव आयोग द्वारा जीटीए के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से काफी अराजकता थी।
कई पहाड़ी दलों ने चुनाव का बहिष्कार किया।
रविवार को जीटीए चुनाव में कुल 277 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जिनमें से 169 निर्दलीय उम्मीदवार थे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए जीटीए चुनावों का निष्कर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण था, क्योंकि राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि नए जीटीए बोर्ड के गठन से अलग गोरखालैंड राज्य या राज्य में स्थायी राजनीतिक समाधान की मांग को लेकर पहाड़ियों में आंदोलन फिर से शुरू हो जाएगा।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, इस बिंदु को छोड़कर, जीटीए पहाड़ियों में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी की स्थिति लगभग शून्य है क्योंकि उनका नेतृत्व भी इस तथ्य से अवगत है कि उनके पास पहाड़ियों में आवश्यक संगठनात्मक ताकत नहीं है।
तृणमूल कांग्रेस का एकमात्र उद्देश्य स्थायी राजनीतिक समाधान के मुद्दे पर राजनीतिक ताकतों को विभाजित रखना है और उसके लिए नए जीटीए बोर्ड का गठन नितांत आवश्यक है।
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Created On :   27 Jun 2022 12:00 AM IST