ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कटक, भुवनेश्वर, पुरी, खुर्दा को जोड़ने वाली मेट्रो रेल परियोजना की घोषणा की
डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को उत्कल दिवस के अवसर पर कटक, भुवनेश्वर, पुरी और खुर्दा को जोड़ने वाली मेट्रो ट्रेन परियोजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि विभिन्न हितधारकों द्वारा परियोजना का अध्ययन किया गया है और फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि यह मुख्य रूप से एलिवेटेड कॉरिडोर पर आधारित होगा और पूरी तरह से राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित होगा।
पहले चरण में, सरकार कटक के पास त्रिसुलिया से भुवनेश्वर में बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक मेट्रो ट्रंक रूट बनाएगी। पटनायक ने कहा कि यह रूट (मार्ग)अस्थायी रूप से नंदनकानन, पटिया, वाणी विहार, रेलवे जंक्शन आदि जैसे प्रमुख स्थलों को टच करेगा। मुख्यमंत्री ने आवास एवं शहरी विकास विभाग को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) युद्धस्तर पर पूरा करने को कहा है। सीएम ने कहा कि हमने हमेशा सीमाओं को पार करने और अपने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास किया है। और आज, इस नई परियोजना की घोषणा के साथ, हम राज्य के लोगों को सर्वश्रेष्ठ श्रेणी की मेट्रो सेवाएं प्रदान करने के लिए नए ओडिशा की ओर एक और कदम बढ़ा रहे हैं।
आगे कहा कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस, मेट्रो रेल परियोजना न केवल एक उभरते और महत्वाकांक्षी ओडिशा के लिए विश्व स्तरीय, पर्यावरण के अनुकूल शहरी परिवहन की पेशकश करेगी बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी और भुवनेश्वर, कटक, पुरी और खुर्दा को कवर करते हुए हमारे शहरी शहर क्लस्टर के विस्तार में तेजी लाएगी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि एक आधुनिक और नियोजित सिटी क्लस्टर के उभरने से लोग, निवेश, व्यापार और पर्यटन आकर्षित होंगे जैसा पहले कभी नहीं हुआ। यह वास्तव में परिवर्तनकारी परियोजना होगी जिसे 5-टी (टीमवर्क, टेक्नोलॉजी, ट्रांसपेरेंसी, ट्रांसफॉर्मेशन और टाइम लिमिट) के सिद्धांतों का उपयोग करके कार्यान्वित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, यह नया ओडिशा है जिसे हम अपने प्यारे राज्य ओडिशा के लोगों और निर्माताओं के प्रति अपने विनम्र सम्मान के रूप में बनाना चाहते हैं। ओडिशा के लोगों ने भी कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है। पटनायक ने कहा कि राज्य की आगे की यात्रा उन महान नेताओं द्वारा निर्देशित है, जिन्होंने आकांक्षा की और हमें 1936 में पहला भाषाई राज्य दिया। उन्होंने कहा, बीजू पटनायक जैसे दूरदर्शी पूर्वजों के आशीर्वाद से, हमें बड़े सपने देखने और देश के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक बनने के लिए कड़ी मेहनत करने की जरूरत है।
(आईएएनएस)
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Created On :   1 April 2023 6:00 PM IST