गैर-भाजपा राज्य सरकार आईएएस कैडर नियमों में प्रस्तावित बदलाव के खिलाफ

Non-BJP state government against proposed changes in IAS cadre rules
गैर-भाजपा राज्य सरकार आईएएस कैडर नियमों में प्रस्तावित बदलाव के खिलाफ
नई दिल्ली गैर-भाजपा राज्य सरकार आईएएस कैडर नियमों में प्रस्तावित बदलाव के खिलाफ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईएएस (कैडर) नियम, 1954 में संशोधन के केंद्र के प्रस्ताव के खिलाफ चार राज्यों की गैर-भाजपा सरकारें एकजुट हो गई हैं। पश्चिम बंगाल, राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने इस बाबत प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्रियों ने इस निर्णय को वापस लेने का आग्रह किया। साथ ही यह दावा किया कि आईएएस अधिकारियों की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के नियमों में बदलाव से राज्यों का प्रशासन प्रभावित होगा।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र को दो पत्र लिखे हैं। अपने दूसरे पत्र में वे कहती हैं, मुझे लगता है कि संशोधित संशोधन प्रस्ताव पूर्व की तुलना में अधिक कठोर है, और वास्तव में यह हमारी महान संघीय राजनीति की नींव और भारत की संवैधानिक योजना की बुनियादी संरचना के खिलाफ है। आगे संशोधित मसौदा संशोधन प्रस्ताव का मूल बिंदु यह है कि एक अधिकारी, जिसे केंद्र सरकार उनकी सहमति के बिना और राज्य सरकार के समझौते के बिना देश के किसी भी हिस्से में राज्य से बाहर ले जाने का विकल्प चुन सकती है।

राज्यों का कहना है कि शक्तियों का अति केंद्रीकरण अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के मनोबल और स्वतंत्रता को नष्ट करने वाली है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी अपनी चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। उन्होंने कहा, मैंने भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित अखिल भारतीय सेवा कैडर नियम संशोधनों पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए पीएमओ इंडिया को लिखा है। वे सहकारी संघवाद के बजाय एकतरफावाद को बढ़ावा देते हैं। मुझे उम्मीद है कि वह मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस कदम का विरोध करते हुए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। सरकार ने इस कदम का बचाव किया है और कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों के साथ काम करने से अधिकारियों के ²ष्टिकोण का विस्तार होगा और अखिल भारतीय सेवाओं के मिशन को आगे बढ़ाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों को हमेशा राज्यों में तैनात नहीं किया जा सकता क्योंकि यह सेवा और अधिकारियों दोनों के लिए सही नहीं है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार के साथ काम करने से उन्हें राज्यों में सेवा देने और फिर केंद्र में लौटने के बाद अधिकारियों के व्यक्तिगत विकास के लिए एक अनूठा दृष्टिकोण मिलता है। महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने भी बदलावों का विरोध करने का फैसला किया है।

(आईएएनएस)

Created On :   23 Jan 2022 4:01 PM IST

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