अभिजीत बनर्जी ने ममता सरकार से स्कूल खोलने को कहा

Nobel laureate Abhijit Banerjee asks Mamta government to open schools
अभिजीत बनर्जी ने ममता सरकार से स्कूल खोलने को कहा
नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने ममता सरकार से स्कूल खोलने को कहा
हाईलाइट
  • नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने ममता सरकार से स्कूल खोलने को कहा

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल सरकार से स्कूल तत्काल खोलने को कहा है। दिलचस्प बात यह है कि पिछले दो वर्षो से अभिजीत बनर्जी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कोविड से लड़ने में राज्य की मदद के लिए बनाई गई वैश्विक सलाहकार समिति के प्रमुख भी हैं।

विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ने एनुअल स्टेटस रिपोर्ट ऑफ एजुकेशन (एएसईआर) द्वारा आयोजित एक सेमिनार में अमेरिका से वर्चुअल तौर पर कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कक्षा पांच के छात्र कक्षा दो का हिसाब नहीं बना सकते। इससे यह स्पष्ट है कि छात्रों का एक वर्ग शिक्षा के वर्तमान स्वरूप को नहीं पकड़ सकता। उन्हें पीछे छोड़ दिया जा रहा है। यह राज्य की शिक्षा प्रणाली के साथ-साथ देश की शिक्षा प्रणाली के लिए अच्छा संकेत नहीं हो सकता।

देश की आर्थिक नीतियों के कटु आलोचक रहे नोबेल पुरस्कार विजेता ने सभी राज्य सरकारों, विशेषकर पश्चिम बंगाल सरकार को स्कूल तुरंत खोलने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह देश की शिक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है।

रिपोर्ट के अनुसार, महामारी की अवधि के दौरान, 90 प्रतिशत छात्रों ने स्कूल में नामांकन कराया है, लेकिन पढ़ने का स्तर 10 प्रतिशत से नीचे चला गया है। यह पहली और दूसरी कक्षा के छात्रों के मामले में विशेष रूप से सच है, जो भीड़भाड़ के कारण आंगनवाड़ी केंद्रों पर नहीं जा सकते थे। वे सबसे चुनौतीपूर्ण खतरे का सामना कर रहे हैं। यह काफी हद तक बताता है कि पिछले एक साल से शिक्षा की गुणवत्ता से कैसे समझौता किया गया है। बनर्जी ने कहा, राज्यों को स्कूल खोलने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि समाज के वंचित वर्गो के बच्चों में पढ़ने और स्कूल जाने की आदत विकसित हो सके।

रिपोर्ट यह भी बताती है कि इस मामले में सबसे ज्यादा नुकसान सरकारी स्कूलों में जाने वाले छात्रों को हुआ है। उनके पास न तो नई तकनीकों तक पहुंच है और न ही उनके पास अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए उचित संसाधन हैं। स्मार्टफोन की उपलब्धता 2018 में 36.5 फीसदी से बढ़कर 2021 में 67.6 फीसदी हो गई है। हालांकि, सरकारी स्कूल जाने वाले बच्चों (63.7 फीसदी) की तुलना में निजी स्कूलों में अधिक बच्चों के पास घर पर स्मार्टफोन (79 फीसदी) हैं।

राज्य सरकार ने हाल ही में कक्षा 7 से कक्षा 12 तक शारीरिक कक्षाओं की घोषणा की है और वैकल्पिक रूप से आस-पड़ोस के स्कूलों का एक तंत्र विकसित किया है, जहां कक्षा 7 तक के छात्रों की कक्षाएं पड़ोसी क्षेत्रों में ही होंगी।

आईएएनएस

Created On :   9 Feb 2022 6:01 PM IST

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