गुजरात में बीजेपी ने चला `नो रिपीट फॉर्मूला`, विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा क्या असर?

No repeat formula in Gujarat cabinet, wave of change came
गुजरात में बीजेपी ने चला `नो रिपीट फॉर्मूला`, विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा क्या असर?
पुराना फॉर्मूला नई तैयारी गुजरात में बीजेपी ने चला `नो रिपीट फॉर्मूला`, विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा क्या असर?
हाईलाइट
  • 24 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली
  • गुजरात कैबिनेट में चला `नो रिपीट फॉर्मूला

डिजिटल डेस्क, अहमदाबाद। गुजरात में बीजेपी ने विजय रूपाणी को हटाकर सत्ता की चाबी भूपेंद्र पटेल को सौंप दी है। बीजेपी ने "नो रिपीट फॉर्मूला` अपनाते हुए पुराने मंत्रियों की जगह सभी नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह दी है। माना जा रहा कि भारतीय राजनीति में गुजरात में पहली बार बीजेपी ने ऐसा प्रयोग किया है। ऐसे में अब देखना है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को नए चेहरों को आगे बढ़ाने का सियासी लाभ क्या मिलता है? आपको बता दें कि भूपेंद्र पटेल सरकार के मंत्रिमंडल में कुल 24 नेताओं ने शपथ ली है। जिनमें 10 कैबिनेट और 14 राज्यमंत्री बनाए गए है।

बदलाव की सुनामी में विधानसभा अध्ययक्ष भी नहीं बचे

बता दें कि बीजेपी ने गुजरात में केवल मुख्यमंत्री व मंत्री ही नहीं बल्कि विधानसभा अध्यक्ष भी बदल दिए हैं। साल 2017 में विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने वाले राजेंद्र त्रिवेदी ने गुरूवार को इस्तीफा देकर भूपेंद्र पटेल की कैबिनेट में मंत्री बन गए हैं। अब बीजेपी ने राजेंद्र त्रिवेदी की जगह निमा आचार्य को विधानसभा अध्यक्ष बनाया है। आखिर में जो सुनामी गुजरात में उठी थी अब जाकर शांत हो गई। 


`नो रिपीट फॉर्मूला` को निकाय चुनाव में अपनाया था

आप को बता दें कि बीजेपी ने "नो रिपीट फॉर्मूला" को गुजरात के नगर निकाय चुनाव में अपनाया था और पुराने चेहरे को हटाकर नए चेहरों को मैदान में उतारा था। जिसका पार्टी को फायदा हुआ था। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कांटे की टक्कर देने वाली कांग्रेस का सफाया हो गया था। बीजेपी इस फॉर्मूले के जरिए सत्ता विरोधी लहर को खत्म करने के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के असर को एमसीडी चुनाव में बेअसर कर दिया था। बीजेपी ने इस फॉर्मूले को 2022 के चुनाव में आजमाने का दांव चला है और रुपाणी सरकार में शामिल सभी चेहरे को बदल दिया है। बता दें कि गुजरात में 15 महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में बीजेपी किसी भी हाल में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। बीजेपी ने कैबिनेट में युवा चेहरों को जगह देकर पार्टी में नई ऊर्जा भरने का दांव चला है।

Created On :   16 Sept 2021 11:02 AM GMT

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