खुले में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग पर भड़के नीतीश, बोले, बेकार की बात
डिजिटल डेस्क, पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा ) के कई नेताओं की खुले में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग पर सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भड़क गए। उन्होंने कहा कि इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। पटना में जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कहीं कोई पूजा करता है, कहीं कोई गाता है सबका अपना-अपना विचार है। मुख्यमंत्री ने कहा, इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है। इन सब चीजों में हम ऐसा मानकर चलते हैं कि सबको अपने ढंग से करना चाहिए। कोई पूजा करता है, कहीं कोई गाता है सबका अपना-अपना विचार है।
उन्होंने कहा कि कोरोना गाइडलाइन के दौरान कोई बाहर नहीं जा रहा था। सभी लोग हमारे लिए एक समान हैं। इन सभी विषयों पर चर्चा का कोई मतलब नहीं है। सभी लोग अपने ढंग से चलते हैं, इन सब चीजों को मुद्दा बनाना ठीक नहीं। हमलोगों के लिए इसका कोई मतलब नहीं है। उल्लेखनीय है कि भाजपा के विधायक हरिभूषण ठाकुर ने पिछले दिनों हरियाणा की तर्ज पर बिहार में भी खुले में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि खुले में नमाज पढ़ने का कोई मतलब नहीं है।
उन्होंने कहा था कि जिस तरह हरियाणा की सरकार ने खुले में नमाज पर रोक लगाई है, बिहार में भी वैसा होना चाहिए। खुले में और सड़कों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगनी चाहिए। शुक्रवार को सड़कों को जाम कर देना, सड़क पर नमाज पढ़ना, ये कैसी पूजा पद्धति है। अगर आस्था की बात है घर में या मस्जिद में नमाज पढ़ें। आखिर मस्जिद क्यों है। इसके अलावा भी कई अन्य नेताओं ने ऐसी ही मांग की है।
(आईएएनएस)
Created On :   13 Dec 2021 9:00 PM IST