हिजाब विवाद पर बोले नीतीश, कहा, यह कोई मुद्दा नहीं, स्कूलों में बच्चे लगभग एक जैसा ड्रेस पहनते हैं
डिजिटल डेस्क, पटना। कर्नाटक में हिजाब को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह कोई मुद्दा नहीं। मुख्यमंत्री सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए हिजाब को लेकर छिड़े विवाद पर पूछे जाने पर कहा कि यह सब बेकार की बात है। उस पर बोलने का कोई औचित्य नहीं है।
इस मामले को लेकर लोग अदालत गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के स्कूलों में सभी स्कूली बच्चे एक ही तरह के ड्रेस पहनते हैं। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में कोई बात होती है, वह एक अलग बात है, बिहार में ऐसी कोई बात नहीं है। हमलोग तो काम करने में लगे हुए हैं। सबके लिए हमलोग काम करते हैं और सबकी इज्जत करते हैं।
उन्होंने कहा कि मूर्ति लगाना या अपने-अपने ढंग से पूजा करना, यह सबकी अपनी-अपनी मान्यता है। हमलोगों के हिसाब से इस पर बहस करने की कोई जरूरत नहीं है। बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष राज्य के दर्जा के लिये हमलोगों ने पहले भी अभियान चलाया।
हमलोग अपनी मांग रखे ही हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमलोग सब एनडीए सरकार का ही हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि हाल में नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को सबसे पिछड़ा बताया गया है। उन्होंने कहा कि हमलोगों को वर्ष 2005 से काम करने का मौका मिला है, तबसे कितना मेहनत किया और बिहार को कहां से कहां पहुंचाया। उसके बावजूद भी अगर बिहार पीछे है तो उसका कारण है कि हमारा क्षेत्रफल कम है लेकिन हमारी आबादी बहुत ज्यादा है।
एक वर्ग किलोमीटर में जितनी आबादी बिहार में है, उतनी आबादी इस देश में कहीं भी नहीं है और शायद दुनिया में भी कहीं नहीं है। बिहार में विकास की दर बढ़ी है। प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है ये 2009 से ही रिपोर्ट आ रही है। बिहार में यहां की सरकार के द्वारा जो काम किया जा रहा है उसके चलते प्रोग्रेस जरूर हुई है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से आज जो स्थिति है उससे बहुत तेजी से राज्य आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमलोग तो अपनी बात कहेंगे और अपना काम करते रहेंगे।
विशेष राज्य के दर्जे की मुहिम पर संसद में उठे सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सबका अपना-अपना विचार होता है। यह कोई व्यक्तिगत विचार नहीं है बल्कि यह जनहित में है, राज्य के हित में है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर हमलोगों की आपस में बातचीत तो हुई ही है। हमलोग मन बनाकर बैठे हुए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी कहा है कि यदि कोई राज्य जातीय जनगणना करना चाहे तो करे। हमलोग इसी पर कह रहे हैं कि यहां पर सब लोग बातचीत करेंगे। जातीय जनगणना होने से सबको जानकारी हो जायेगी कि किस जाति की कितनी आबादी है।
(आईएएनएस)
Created On :   14 Feb 2022 10:30 PM IST