नोएडा सिंचाई नहर में जल प्रदूषण पर एनजीटी सख्त
- रियल एस्टेट डेवलपर्स के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया
नई दिल्ली, 28 दिसंबर। नोएडा की सिंचाई नहर में बड़े जल प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों की कार्यात्मक स्थिति में विसंगतियों को लेकर संबंधित अधिकारियों की खिंचाई की है।
एनजीटी ने अधिकारियों को वायु और जल अधिनियम के तहत अपराध करने के लिए शहर में रियल एस्टेट डेवलपर्स के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।
एनजीटी के बयान में कहा गया है, हमने उपस्थित अधिकारियों के साथ बातचीत की है। नोएडा के सीईओ के साथ बातचीत के दौरान यह सामने आया है कि 95 ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों में से 72 के एसटीपी के क्रियाशील होने के दावे के खिलाफ राज्य पीसीबी का रुख यह है कि केवल 12 शिकायतें आईं। नोएडा की रिपोर्ट और अनुलग्नकों के विवरण में भी विरोधाभास है।
एनजीटी के अध्यक्ष, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने 23 दिसंबर के एक आदेश में कहा, एक तरफ नोएडा की रिपोर्ट और रिपोर्ट के अनुलग्नकों में उल्लिखित विवरण में भी विरोधाभास है।
एनजीटी की ओर से यह भी निर्देश दिया गया कि ग्रुप हाउसिंग सोसायटियों के अशोधित सीवेज के भारी भार को देखते हुए नोएडा सीवर लाइन के सीएसटीपी को उचित रूप से बनाए रखना होगा और इसके अनुपालन की स्थिति की निगरानी करनी होगी।
बताया गया, कोंडली सिंचाई नाली के प्रदूषण के संबंध में राज्य पीसीबी की रिपोर्ट से पता चलता है कि पानी की गुणवत्ता अत्यधिक खराब है। राज्य पीसीबी ने केवल ऑनलाइन नाली निगरानी प्रणाली खरीदने और स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।
नोएडा ने सीवर योजनाओं को रोकने और स्वस्थानी उपचार के लिए व्यवहार्यता के लिए वैपकोस/ईआईएल द्वारा अध्ययन कराए जाने का प्रस्ताव दिया है। उस संबंध में एक आद्र्रभूमि के लिए काम आवंटित किया गया है। मौजूदा सीवरेज नेटवर्क को मजबूत करना होगा और एसटीपी को समाप्त करना होगा।
नोएडा के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 10 परियोजनाओं में से आठ पूरी हो चुकी हैं और दो पर काम चल रहा है। फिर भी 30 सीवेज नालियों को 180 एमएलडी के पूर्व नियोजित एसटीपी से ठीक से जोड़ा जाना है और उपचारित अपशिष्टों के उपयोग की योजना बनाई जानी है।
आदेश में कहा गया है, चल रहे सीवरेज नेटवर्क को पूरा करना सुनिश्चित किया जाना है और 30 नालों और संबंधित मौजूदा या नए एसटीपी को समाप्त करने के संबंध में कदम उठाए गए हैं। मौजूदा 6 एसटीपी के निपटान का तरीका मानकों के अनुरूप होना चाहिए, जिसमें फेकल कोलीफॉर्म और उपचारित अपशिष्टों का उपयोग शामिल है।
मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल 2022 को होगी।
(आईएएनएस)
Created On :   29 Dec 2021 12:30 AM IST