नई शिक्षा नीति महात्मा गांधी की नई तालीम का अनुसरण करती है

New education policy follows Mahatma Gandhis Nai Talim
नई शिक्षा नीति महात्मा गांधी की नई तालीम का अनुसरण करती है
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू नई शिक्षा नीति महात्मा गांधी की नई तालीम का अनुसरण करती है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को कहा कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) स्कूल स्तर पर शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा को महत्व देकर महात्मा गांधी की नई तालीम (नई शिक्षा) का अनुसरण करती है। महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने याद किया कि 1937 में वर्धा में महात्मा गांधी द्वारा प्रस्तावित नई तालीम में छात्रों को मुफ्त अनिवार्य शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण के अलावा मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने पर जोर दिया गया था।

हमारी संविधान सभा ने लंबी बहस के बाद हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया और आठवीं अनुसूची में अन्य भारतीय भाषाओं को संवैधानिक दर्जा भी दिया। यह देखते हुए कि प्रत्येक भारतीय भाषा का एक गौरवशाली इतिहास और समृद्ध साहित्य है। हम भाग्यशाली हैं कि हमारे देश में हमें भाषाई विविधता मिली है। हमारी भाषाई विविधता हमारी ताकत है क्योंकि हमारी भाषाएं हमारी सांस्कृतिक एकता का प्रतीक हैं।भाषा पर महात्मा गांधी के विचारों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के लिए भाषा का प्रश्न राष्ट्रीय एकता का प्रश्न था।

उन्होंने कहा, हिंदी पर जोर देने के बाद भी, महात्मा गांधी ने अपनी मातृभाषा के प्रति प्रत्येक नागरिक की संवेदनशीलता को समझा। गांधीजी ने मातृभाषा को स्वराज से जोड़ा और इसे उचित महत्व देने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी भारतीय समुदाय को मातृभूमि भारत से जोड़े रखने में भारतीय भाषाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।  उपराष्ट्रपति ने कहा कि सभ्य समाज से यह अपेक्षा की जाती है कि उसकी भाषा सौम्य, संस्कारी और रचनात्मक हो। उन्होंने कहा, आइए हम अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग भाषा की शालीनता और शब्दों के अनुशासन के साथ करें।

हमारी भाषाई विविधता को देश की ताकत बताते हुए उपराष्ट्रपति ने विविधता में एकता के इस सूत्र को मजबूत करने का आग्रह किया और भारतीय भाषाओं के बीच संवाद बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालयों के भाषा विभाग इस संबंध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा, विश्वविद्यालयों के भाषा विभागों के बीच निरंतर संपर्क और बौद्धिक संवाद होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने संविधान के निर्माता बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का भी अनावरण किया। उपराष्ट्रपति ने रजत जयंती समारोह के हिस्से के रूप में विश्वविद्यालय में अटल बिहारी वाजपेयी भवन और चंद्रशेखर आजाद छात्रावास का भी उद्घाटन किया।

(आईएएनएस)

Created On :   4 Jan 2022 10:00 PM IST

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