एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू देहरादून पहुंचीं, सांसदों व विधायकों के साथ करेंगी बैठक

NDAs presidential candidate Draupadi Murmu reaches Dehradun, will hold a meeting with MPs and MLAs
एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू देहरादून पहुंचीं, सांसदों व विधायकों के साथ करेंगी बैठक
राष्ट्रपति चुनाव 2022 एनडीए की राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू देहरादून पहुंचीं, सांसदों व विधायकों के साथ करेंगी बैठक

डिजिटल डेस्क, देहरादून। एनडीए यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू सोमवार को उत्तराखंड दौरे पर यहां पहुंची हैं। द्रौपदी मुर्मू आज सुबह 10 बजे जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर विशेष विमान से पहुंचीं। यहां से वे सड़क मार्ग से होते हुए देहरादून कचहरी परिसर स्थित शहीद स्थल पहुंचेंगी। शहीद स्थल पर वे उत्तराखंड के आंदोलनकारियों और शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करेंगी।

द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। अगर द्रौपदी मुर्मू देश की अगली राष्ट्रपति चुन ली जाती हैं तो वह भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनेंगी। साथ ही भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति भी होंगी। इसके अलावा वह ओडिशा से पहली राष्ट्रपति होंगी।

वहीं, आज उनका देहरादून प्रवास है। इस दौरान मुर्मू मुख्यमंत्री आवास के पास स्थित सेफ हाउस में पार्टी के सभी बड़े पदाधिकारियों, सांसदों, विधायकों से मुलाकात करेंगी। संसदीय कार्यमंत्री एवं वित्तमंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने भाजपा के सभी 47 विधायकों और लोकसभा व राज्यसभा के सभी आठ सांसदों से बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने को कहा है।

18 जुलाई को है राष्ट्रपति चुनाव :

18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान होगा। वहीं, 21 जुलाई को मतगणना की तारीख निर्धारित है। 18 मई 2015 को झारखंड की राज्यपाल के रूप में शपथ लेने से पहले द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में दो बार विधायक और एक बार राज्यमंत्री के रूप में काम कर चुकी हैं। राज्यपाल के तौर पर पांच वर्ष का उनका कार्यकाल 18 मई 2020 को पूरा हो गया था, लेकिन कोरोना के कारण राष्ट्रपति की ओर से नई नियुक्ति नहीं किए जाने के कारण उनके कार्यकाल का स्वत: विस्तार हो गया था।

अपने पूरे कार्यकाल में वे कभी विवादों में नहीं रहीं। झारखंड के जनजातीय मामलों, शिक्षा, कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर वह हमेशा सजग रहीं। कई मौकों पर उन्होंने राज्य सरकारों के निर्णयों में संवैधानिक गरिमा और शालीनता के साथ हस्तक्षेप किया। विश्वविद्यालयों की पदेन कुलाधिपति के रूप में उनके कार्यकाल में राज्य के कई विश्वविद्यालयों में कुलपति और प्रतिकुलपति के रिक्त पदों पर नियुक्तियां हुई थीं।

 

सॉर्स- आईएएनएस

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Created On :   11 July 2022 12:30 PM IST

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