मंत्री को सीबीआई की पूछताछ से 4 हफ्ते की राहत
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मंत्री पार्था चटर्जी को कलकत्ता हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने बुधवार दोपहर को उन्हें अस्थायी तौर पर राहत देते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा पूछताछ के लिए उपस्थित होने से चार हफ्ते की राहत दी। सीबीआई, पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) में भर्ती अनियमितताओं के घोटालों की जांच कर रही है और इसी संबंध में एजेंसी को उनसे पूछताछ करनी है। जब अनियमितताएं हुईं, तब चटर्जी शिक्षा मंत्री थे और वर्तमान में राज्य के वाणिज्य और उद्योग मंत्री हैं।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने मंगलवार को दोपहर लगभग 3.50 बजे मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के महासचिव चटर्जी को शाम 5.30 बजे तक पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। हालांकि, एकल-न्यायाधीश-पीठ के आदेश के लगभग आधे घंटे बाद, कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने उस आदेश पर बुधवार सुबह 10.30 बजे तक अंतरिम रोक लगा दी।
बुधवार की सुबह, मामला न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति आनंद मुखोपाध्याय की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया, जिसने पार्थ चटर्जी को पूछताछ के लिए सीबीआई कार्यालय में पेश होने से चार हफ्ते की राहत दी। मंगलवार को सिंगल-जज बेंच के आदेश में दो बिंदु थे, जो चटर्जी के लिए कठिन हो सकते थे। पहला बिंदु यह था कि एकल-न्यायाधीश पीठ ने कहा कि सीबीआई पूछताछ का सामना करने से पहले चटर्जी खुद को सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल वुडबर्न वार्ड में भर्ती नहीं हो पाएंगे, जो वीवीआईपी के लिए है। उसी एकल-न्यायाधीश पीठ ने सीबीआई के अधिकारियों को चटर्जी को गिरफ्तार करने के लिए भी अधिकृत किया, यदि वे जांच के लिए ऐसा आवश्यक महसूस करते हैं।
बुधवार को न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति आनंद मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने विभिन्न डब्ल्यूबीएसएससी भर्ती घोटालों की जांच कर रहे अदालत द्वारा नियुक्त जांच पैनल के प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजीत कुमार बेग के इस्तीफे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। खंडपीठ ने सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बेग की अध्यक्षता वाले जांच पैनल को डब्ल्यूबीएसएससी में ग्रुप-डी गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती से संबंधित अनियमितताओं पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
इस बीच, बुधवार की सुबह न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय की अदालत में प्रवेश को लेकर अधिवक्ताओं के दो समूहों के बीच झड़प हुई, जिनमें एक सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा था और दूसरा वाम मोर्चा से। गंगोपाध्याय ने पार्था चटर्जी को सीबीआई की ओर से पूछताछ का सामना करने का आदेश दिया। जहां तृणमूल कांग्रेस और उसके सहयोगी वकील जस्टिस गंगोपाध्याय की अदालत का पूर्ण बहिष्कार चाहते हैं, वहीं विपरीत राजनीतिक विचारों के पैरोकार इसका विरोध कर रहे हैं। कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने दोनों पक्षों को मुद्दा पारस्परिक रूप से निपटाने की सलाह दी।
(आईएएनएस)
Created On :   13 April 2022 3:30 PM IST