बंगाल में मार्क्‍सवादी बुक स्टॉल पर हमला, तृणमूल कांग्रेस पर फूटा लोगों का गुस्सा

Marxist book stall attacked in Bengal, peoples anger erupts on Trinamool Congress
बंगाल में मार्क्‍सवादी बुक स्टॉल पर हमला, तृणमूल कांग्रेस पर फूटा लोगों का गुस्सा
पश्चिम बंगाल बंगाल में मार्क्‍सवादी बुक स्टॉल पर हमला, तृणमूल कांग्रेस पर फूटा लोगों का गुस्सा
हाईलाइट
  • बंगाल में मार्क्‍सवादी बुक स्टॉल पर हमला
  • तृणमूल कांग्रेस पर फूटा लोगों का गुस्सा

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। यहां एक मार्क्‍सवादी साहित्य स्टॉल पर हमले और मोकपा के वरिष्ठ नेताओं की गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार व सत्तारूढ़ पार्टी बुद्धिजीवियों और नागरिक समाज की आलोचना के घेरे में आ गई। सोमवार की शाम माकपा के कई वरिष्ठ नेता दक्षिण कोलकाता के रासबिहारी एवेन्यू चौराहे पर एक पूजा पंडाल के पास एक अस्थायी मार्क्‍सवादी साहित्य स्टॉल पर थे और सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे, उस दौरान कथित तौर पर सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया था।

पुलिस ने हस्तक्षेप किया और पार्टी के राज्यसभा सदस्य बिकाश रंजन भट्टाचार्य, माकपा के राज्य सचिवालय के सदस्य कल्लोल मजूमदार और लोकप्रिय फिल्म निर्देशक व पार्टी के हमदर्द कमलेश्वर मुखर्जी जैसे वरिष्ठ माकपा नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। मुखर्जी शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक भी हैं। हालांकि उन्हें देर शाम रिहा कर दिया गया। मार्क्‍सवादी साहित्य के स्टॉल पर हमले के साथ-साथ शांतिपूर्ण प्रदर्शन में भाग लेने वाले नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को बुद्धिजीवियों और नागरिक समाज के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।

प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक कौशिक गांगुली ने कमलेश्वर मुखर्जी के साथ एकजुटता जताते हुए कहा कि गिरफ्तारी से मुखर्जी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। प्रसिद्ध बंगाली जासूसी किरदार ब्योमकेश बख्शी के रूप में अपनी भूमिकाओं के लिए जाने जाने वाले प्रसिद्ध अभिनेता अबीर चटर्जी ने भी विरोध का हिस्सा बनने और गिरफ्तारी को स्वीकार करने के लिए मुखर्जी की सराहना की। उन्होंने कहा, हम आपसे प्यार करते हैं कमल दा और हमें आप पर गर्व है।

फिल्म निर्देशक श्रीजीत मुखर्जी ने एक कदम आगे बढ़कर बुक स्टॉल पर हुए हमले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, वे किससे डरते हैं? किताबों से? इन गिरफ्तारियों की निंदा करने के लिए मेरे पास पर्याप्त शब्द नहीं हैं। हम कमल दा के साथ हैं। लोकप्रिय अभिनेता रिद्धि सेन, जिन्हें नगर कीर्तन में पुति की प्रतिष्ठित भूमिका के लिए जाना जाता है, ने इस घटनाक्रम पर तंज कसा और कहा कि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार पूरी तरह से होश खो चुकी है।

सेन ने कहा, कमलेश्वर मुखर्जी की गिरफ्तारी किस वजह से हुई? सिर्फ एक बुक स्टॉल पर हुए हमले के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के कारण? यह बेहद शर्मनाक है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस अपने तर्क पर अडिग है। पार्टी का कहना है कि तनाव इसलिए पैदा हुआ, क्योंकि स्टॉल में लगे एक पोस्टर में लिखा था : चोरों को पकड़ो और जेलों को भर दो जो स्पष्ट रूप से सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं पर निशाना था।

पार्टी के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष के मुताबिक, उनकी पार्टी के नेताओं को भी किताबें पढ़ने का शौक है। घोष ने कहा, लेकिन बुक स्टॉल पर उस पोस्टर के माध्यम से माकपा ने हमारे स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं को उकसाने की कोशिश की और त्योहारी सीजन के दौरान तनाव पैदा करने की कोशिश की। पुलिस ने उकसावे को रोकने के लिए सही काम किया।

 

 (आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   4 Oct 2022 3:01 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story