महाराष्ट्र : दिवाली के मौके पर 800 युवाओं को मिले नियुक्ति पत्र, एमवीए ने केंद्र की निंदा की

Maharashtra: On the occasion of Diwali, 800 youth got appointment letters, MVA condemns the Center
महाराष्ट्र : दिवाली के मौके पर 800 युवाओं को मिले नियुक्ति पत्र, एमवीए ने केंद्र की निंदा की
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। तीन केंद्रीय मंत्रियों-पीयूष गोयल, नारायण राणे और रामदास अठावले ने शनिवार को मुंबई, पुणे और नागपुर में आयोजित अलग-अलग समारोहों में केंद्र सरकार की विभिन्न नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र बांटे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिवाली की पूर्व संध्या पर 75,000 युवाओं को रोजगार देने की शुरुआत के साथ अगले एक साल में 10 लाख लोगों के लिए भर्ती अभियान शुरू करने की घोषणा के तुरंत बाद यह कार्यक्रम शुरू हुआ।

38 अलग-अलग केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों द्वारा या यूपीएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड और राज्य सेवा आयुक्तों द्वारा एक सरल तकनीक-सक्षम, त्वरित भर्ती प्रक्रिया के साथ सीधे नौकरियां दी जा रही हैं। गोयल, राणे और अठावले ने भारतीय नौसेना, भारतीय तटरक्षक, भारतीय डाक, भारतीय रेलवे, सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, सीआईएसएफ, आरसीएफ, एमडीएल, आईटीडी, सीबीआईसी, ईएसआईसी, कई क्षेत्रीय और ग्रामीण बैंक, आईआईटी-बॉम्बे, बीएसएफ और सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य संस्थानों के लिए चयनित सैकड़ों उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र सौंपे।

तीनों केंद्रीय मंत्रियों ने नए रंगरूटों से अगले 25 वर्षो में विकसित भारत बनाने के पीएम के सपने को पूरा करने के लिए अपने नए कार्य में समर्पण के साथ काम करने का आग्रह किया। विपक्षी महा विकास अघाड़ी सहयोगी कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना (यूबीटी) ने भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के आगामी राज्यों के चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर साढ़े आठ साल बाद जागने की निंदा की।

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे ने कहा कि केंद्र सरकार शनिवार को आयोजित नौकरी की जंबोरी को लेकर बड़ा शोर मचा रही है, जबकि तथ्य यह है कि इनमें से अधिकांश पदों के लिए भर्ती परीक्षा और प्रक्रिया दो साल पहले पूरी हो चुकी थी, लेकिन अब राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें काम पर रखा गया। राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा कि मोदी ने सत्ता में आने के बाद हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था, मगर उन्होंने अब 8 साल से अधिक समय के बाद रोजगार देना शुरू किया जा रहा है, वह भी राजनीतिक उद्देश्यों के साथ।

शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता किशोर तिवारी ने इसे एक और बड़ा धोखा करार देते हुए कहा कि सिर्फ 75 हजार नियुक्ति पत्र देने में मोदी को साढ़े आठ साल लग गए, वह भी गुजरात, हरियाणा और अन्य राज्यों में चुनाव से ठीक पहले। उन्होंने कहा, राज्य और केंद्र सरकार में ऑटोमेशन या आउटसोर्सिग या सार्वजनिक क्षेत्र की मूल्यवान संपत्तियों की बिक्री के साथ रिक्तियां कहां हैं? पीएम के 10 साल के कार्यकाल के लिए हर साल 2 करोड़ नौकरियों के आश्वासन के हिसाब से 20 करोड़ नौकरियां दी जानी चाहिए। लगता है, यह वादा पूरा करने में उन्हें एक सदी लग जाएगी। केंद्र सरकार कुछ राज्यों और लोकसभा चुनाव से पहले जनता को बेवकूफ बना रही है।

लोंधे ने कहा कि 22 करोड़ से अधिक युवाओं ने सरकार के श्रम पोर्टल पर रोजगार के लिए पंजीकरण कराया है, जिनमें से केवल 700,000 को ही नौकरी मिली है, जबकि सीएमआईई ने कहा है कि 45 करोड़ से अधिक लोगों ने नौकरी के किसी भी अवसर की उम्मीद छोड़ दी है। कांग्रेस नेता ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उस बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने राज्य में 72,000 नौकरियां पैदा करने का वादा किया था और कहा कि (राज्य) सरकार 72 नौकरियां देने में भी सक्षम नहीं है। आज के रोजगार मेले में भारत के विभिन्न हिस्सों में केंद्रीय और राज्य के मंत्रियों, निर्वाचित नेताओं और अन्य अधिकारियों की भागीदारी देखी गई।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   22 Oct 2022 10:00 PM IST

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