राजनीति में हो सकती है महाआर्यमन सिंधिया की एंट्री, पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया की राह पर चलेंगे महाआर्यमन!
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजनीति में अपना खास छाप छोड़ने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सिंधिया भी उन्हीं की राह पर चलने वाले है। आपको बता दें कि महाआर्यमन हाल ही में अमेरिका से पढ़ाई कर लौटे हैं। महाआर्यमन बुधवार को 26 साल के हो गए। पहली बार सार्वजनिक रूप से उनका जन्मदिन मनाया गया। ग्वालियर के जय विलास पैलेस के कैंपस में वो पिता ज्योतिरादित्य के समर्थकों के साथ नजर आए। आतिशबाज़ी के बीच करीब आधा सैकड़ा यानि 50 केक उन्होंने काटे थे। उस केक पर लिखा था- युवराज साहब। बता दें कि केंद्रीय मंत्री के बेटे महाआर्यमन सियासी मैदान में उतरते नजर आ रहे हैं। महाआर्यमन ने अपना 26 वां जन्मदिन सार्वजनिक रूप से मनाया था। जयविलास पैलेस में जोरदार आतिशबाज़ी के बीच आधा सैंकड़ा से ज्यादा केक काटे। इस मौके पर ग्वालियर चंबल अंचल से युवाओं की फौज महाआर्यमन को बधाई देने महल में पहुंची।
महाआर्यमन राजनीति में उतरेंगे!
आपको बता दें कि जन्मदिन के इस आयोजन को सिंधिया परिवार की नयी पीढ़ी के राजनीति में एंट्री से पहले सार्वजनिक जीवन की ट्रेनिंग माना जा रहा है। सियासी गलियारों में ये भी कयास लगाएं जाने लगे हैं कि कहीं ये 2023-24 के विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में महा आर्यमन को उतारने की तैयारी तो नहीं। अपने पहले सार्वजनिक जन्मदिन के मौके पर महाआर्यमन ने कहा कि वो अपने लोगों के बीच आकर खुश हैं। सियासत में आने के सवाल पर महाआर्यमन ने कहा मैं सालों बाद अब स्थाई रूप से ग्वालियर आ गया हूं। मैं जनता से मिल रहा हूं लोगों को समझूंगा उसके बाद राजनीति करूंगा।
ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले ही दे चुके हैं संकेत
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछले महीने अपने बेटे महाआर्यमन को जल्द राजनीति में लाने के संकेत दिए थे। सिंधिया महाअष्टमी के मौके पर महाआर्यमन को अपने साथ लेकर सार्वजनिक कार्यक्रमों में आए थे। बंगाली समाज के पूजा कार्यक्रम में उन्होंने कहा भी था कि सिंधिया परिवार की अगली पीढ़ी अब आपके सामने है। चैंम्बर ऑफ कॉमर्स के कार्यक्रम में ज्योतिरादित्य के साथ महाआर्यमन मंच पर थे। ज्योतिरादिय ने व्यापारियों के समूह को सम्बोधित करते हुए कहा था कि हमने 20 साल राजनीति में सफर तय कर लिया, अब हम भी बुड्ढे होते जा रहे हैं, 26 साल के नौजवान पुत्र हो गए हमारे. बंगाली समाज के पूजन में सिंधिया ने मंच से कहा था कि बंगाली परिवार 100 पहले ग्वालियर में बसे थे। सिंधिया परिवार का बंगाली समाज से निकटतम सम्बंध रहा है। मैं बचपन में माता पिता के साथ यहां पूजा करता था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आगे कहा परिवार ने पीढ़ी दर पीढ़ी विजयापरम्परा निभाई है। अब सिंधिया परिवार की अगली पीढ़ी परंपरा का निर्वहन करने के लिए आपके सामने है।
सियासत में सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी
गौरतलब है कि भारत के इतिहास में राजशाही के दौर में सिंधिया राज परिवार का खासा रुतबा था। आज़ादी के बाद देश की सियासत में सिंधिया राज परिवार का रसूख बरकरार है। कांग्रेस से सियासत शुरू करने वाली राजमाता ने जनसंघ और भाजपा को मजबूती देने में अहम रोल निभाया। इसी दौरान माधवराव 26 साल की उम्र में अपनी मां की पार्टी जनसंघ से सांसद बने। बाद में माधवराव ने कांग्रेस का दामन थामा 9 बार सांसद और तीन बार केंद्रीय मंत्री बने। माधव राव के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को ज्योतिरादित्य ने आगे बढ़ाया, ज्योतिरादित्य 4 बार कांग्रेस सांसद और 2 बार केंद्रीय मंत्री बने. 2020 में भाजपा में शामिल हुए। ज्योतिरादित्य राज्यसभा से सांसद बने और मोदी सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
कौन है महाआर्यमन
आपको बता दें कि देश के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महाआर्यमन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। उनके पिता 2020 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। महाआर्यमन ने भी अपने पिता की तरह ही दून स्कूल से पढ़ाई की है, आगे की पढ़ाई के लिए वह अमेरिका चले गए। उन्होंने अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है, यह ग्रेजुएशन उन्होंने मार्च 2019 में पूरा किया। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जाने के फैसले के दौरान महाआर्यन के ट्वीट ने खासी सुर्खियां बटोरी थीं। उन्होंने पिता के फैसले पर गर्व करते हुए ट्वीट किया था, यह पहला मौका था जब सिंधिया खानदान की चौथी पीढ़ी सियासी तौर पर मुखर नजर आई थी. ट्वीट के जरिये महाआर्यमन ने लिखा था, इतिहास गवाह है कि मेरा परिवार कभी भी सत्ता का भूखा नहीं रहा। जैसा कि हमने वादा किया था कि हम भारत और मध्य प्रदेश में प्रभावी बदलाव लाएंगे।
Created On :   18 Nov 2021 11:27 PM IST