लखनऊ कैंट बना रणभूमि, सियासी दिग्गजों के बीच आसान नहीं राह

Lucknow Cantt became the battlefield, the road is not easy among the political giants
लखनऊ कैंट बना रणभूमि, सियासी दिग्गजों के बीच आसान नहीं राह
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 चौथा चुनावी दंगल लखनऊ कैंट बना रणभूमि, सियासी दिग्गजों के बीच आसान नहीं राह
हाईलाइट
  • 624 उम्मीदवारों की परीक्षा

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी में तीन चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद यूपी के चौथे चरण में चुनावी उम्मीदवारों की अग्नि परीक्षा कल बुधवार 23 फरवरी को होने जा रही है। इस चरण में रुहेलखंड से लेकर तराई बेल्ट और अवध क्षेत्र के 9 जिलों की 59 सीटों पर 624 उम्मीदवार मैदान में हैं। 

आपको बता दें  उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तीन चरणों की 172 सीटों पर वोटिंग अब समाप्त हो चुकी है। चौथे चरण में दावेदारों के बीच युद्ध भूमि बना कैंट अब अपने पूरे चरम पर है। यहाँ हर राजनैतिक पार्टियों के बीच काँटे कि टक्कर देखने को मिल रही। 

लखनऊ कैंट सीट का सियासी इतिहास  

उत्तरप्रदेश की चर्चित सीटों में गिनी जाने वाली लखनऊ कैंट  राज्य की राजधानी के व्यापारिक केंद्र के तौर पर देखी जाती है। व्यापारियों का वोट पाने के लिए सभी राजनैतिक दल, सपा, बसपा और कांग्रेस ने स्थानीय कारोबारियों को मैदान में उतारा है।   


कैंट विधानसभा सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं, 2017 के  चुनाव में बीजेपी ने  परचम लहराया । लखनऊ कैंट विधानसभा सीट पर 7 बार कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की है। यहां पर साल 1989, 85, 89 में कांग्रेस की प्रेमवती तिवारी और 1996, 2002, 2007, 2019 में बीजेपी के सुरेश चंद्र तिवारी चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। दो बार रीता बहुगुणा जोशी भी इस सीट से चुनाव जीता हैं। रीता बहुगुणा 2012 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुनी गई, जबकि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में रीता बहुगुणा ने पार्टी का पाला बदल बीजेपी में शामिल हो गई और  2017 में भी  बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचीं थीं।  2019 में रीता बहुगुणा जोशी के सांसद बनने से खाली हुई सीट पर उपचुनाव हुआ। जिसमें भी फिर भाजपा के सुरेश चंद्र तिवारी  ने जीत दर्ज की,  इस सीट पर अब तक 12 बार ब्राह्मण प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है। विधानसभा की कुल आबादी  6.3 लाख है, जिसमें सैन्य कर्मचारी, ब्राह्मण, दलित, सिख शामिल हैं।

सपा ने राजू गांधी, बसपा ने ब्राह्मण व्यवसायी अनिल पांडेय, कांग्रेस ने सिख व्यवसायी दिलप्रीत सिंह विर्क और बीजेपी की तरफ से योगी सरकार में मंत्री रहे बृजेश पाठक को चुनावी मैदान में उतारा है। सभी प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। आपको बता दें भाजपा प्रत्याशी को छोड़ दिया जाए तो अन्य दलों के प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। अब देखना ये है कि नए चेहरे मंत्री को कितनी टक्कर दे सकेगे। ये आने वाले नतीजे ही बता सकेगे।  9 जिले की 59 सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत कल ईवीएम में कैद हो जाएगी। 

 


 

Created On :   22 Feb 2022 6:13 PM IST

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