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उद्घाटन कार्यक्रम: PM बोले- बुंलेदखंड में गूंजेगा 'जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान' का मंत्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कॉलेज और प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे।
पीएम श्री @narendramodi ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कॉलेज और प्रशासनिक भवनों का उद्घाटन किया। pic.twitter.com/uIlmadlzLo
— BJP (@BJP4India) August 29, 2020
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत यूपी में 700 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च अब तक किया जा चुका है, जिसके तहत लाखों कामगारों को रोज़गार उपलब्ध हो रहा है। इस अभियान के तहत बुंदेलखंड में सैकड़ों तालाबों को ठीक करने और नए तालाब बनाने का काम किया गया। एक तरह से बुंलेदखंड में "जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान" का मंत्र चारों दिशाओं में गूंजेगा। केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार बुंदेलखंड की पुरातन पहचान को, इस धरती के गौरव को समृद्ध करने के लिए प्रतिबद्ध है।
LIVE: PM Shri @narendramodi inaugurates academic and administrative building of Rani Lakshmi Bai University. https://t.co/D7pxVbIJFZ
— BJP (@BJP4India) August 29, 2020
पीएम ने कहा, रानी लक्ष्मी बाई ने कभी बुंदेलखंड की धरती पर गर्जना की थी कि मैं मेरी झांसी नहीं दूंगी। आज बुंदेलखंड की धरती से इस गर्जना की आवश्यकता है कि, मेरी झांसी आत्मनिर्भर भारत को बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएगी। हम पूरी ताकत लगा देगें। जब हम कृषि में आत्मनिर्भरता की बात करते हैं तो ये सिर्फ खाद्यान्न तक ही सीमित नहीं है। ये गांव की पूरी अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता की बात है। ये देश में खेती से पैदा होने वाले उत्पादों में वैल्यू एडिशन करके देश और दुनिया के बाज़ारों में पहुंचाने का मिशन है।
पीएम मोदी ने ये भी कहा-
- कृषि में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य किसानों को एक उत्पादक के साथ ही उद्यमी बनाने का भी है। जब किसान और खेती, उद्योग के रूप में आगे बढ़ेगी तो बड़े स्तर पर गांव में और गांव के पास ही रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर तैयार होंगे। आज बीज से लेकर बाजार तक खेती को तकनीक से जोड़ने का, आधुनिक रिसर्च के फायदों को जोड़ने का निरंतर काम किया जा रहा है। इसमें बहुत बड़ी भूमिका रिसर्च संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों की भी है।
- बीते मई में बुंदेलखंड में टिड्डी दल का हमला हुआ था। देश के 10 से ज्यादा राज्य इससे प्रभावित हुए थे। जिस तेजी से ये फैल रहा था उसमें पारंपरिक माध्यमों से इस पर काबू पाना मुश्किल था। इतने बड़े हमले को भारत ने वैज्ञानिक तरीके से संभाला है। ये बहुत बड़ा काम हुआ है।
Modern technology is helping deal with the challenges related to agriculture. One example of it was how the government used technology to minimize damage caused by locust attack in about 10 States recently: PM Modi pic.twitter.com/YJ4moKfLPk
— ANI (@ANI) August 29, 2020
- ड्रोन टेक्नॉलॉजी हो, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की टेक्नॉलॉजी, आधुनिक कृषि उपकरण हों, इसको देश की कृषि में अधिक से अधिक उपयोग में लाने के लिए युवा शोधकर्ताओं को, युवा वैज्ञानिकों को निरंतर काम करना होगा।
- कोरोना के खिलाफ बुंदेलखंड के लोग भी डटे हुए हैं। सरकार ने भी प्रयास किया है कि लोगों को कम से कम दिक्कत हो। गरीब का चूल्हा जलता रहे, इसके लिए यूपी के करोड़ों गरीब और ग्रामीण परिवारों को देश के अन्य भागों की तरह मुफ्त राशन दिया जा रहा है।
Created On :   29 Aug 2020 12:58 PM IST