कोलकाता सबसे सुरक्षित शहर, पर महिलाओं के खिलाफ अपराध ज्यादा : एनसीआरबी रिपोर्ट
डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व भले ही राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट में कोलकाता को देश के सभी महानगरों में सबसे सुरक्षित शहर का दर्जा दिए जाने का दावा कर रहा हो, लेकिन विपक्षी नेताओं और कानूनी विशेषज्ञों ने बताया है कि यही रिपोर्ट पूरे पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की खतरनाक दर को भी उजागर करती है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में देशभर से महिलाओं के खिलाफ एसिड हमलों की संख्या 174 थी, जिसमें पश्चिम बंगाल 34 ऐसे मामलों के साथ चार्ट में सबसे ऊपर था।
कलकत्ता हाईकोर्ट में वरिष्ठ वकील कौशिक गुप्ता का मत है कि राज्य के विभिन्न कोनों से महिलाओं के खिलाफ इस तरह के हमलों की लगातार रिपोर्टों को देखते हुए ऐसा लगता है कि एनसीआरबी की रिपोर्ट में उद्धृत आंकड़े वास्तविक संख्या से काफी कम हैं।
उन्होंने कहा, कई बार राज्य के दूरदराज के कोनों में एसिड हमले ऐसे जघन्य कृत्यों के पीछे उन लोगों के राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव के कारण पुलिस तक नहीं पहुंचते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, खुले बाजार में एसिड की बिक्री नहीं है लेकिन किसी भी हार्डवेयर स्टोर से बिना रसीद के तेजाब खरीदना आम बात हो गई है और पुलिस प्रशासन इस पर खामोश है। गुप्ता ने बताया कि कोलकाता, जिसे सबसे सुरक्षित शहर माना गया है, वहां 2021 में गंभीर अपराधों की संख्या बढ़कर 1,080 हो गई, जो 2020 में 981 और 2019 में 961 थी।
आपराधिक वकील ज्योति प्रकाश खान ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों के समग्र परिदृश्य के संदर्भ में पश्चिम बंगाल एक अच्छी तस्वीर पेश नहीं करता। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के बाद महिलाओं के खिलाफ कुल अपराधों (35,884) के मामले में पश्चिम बंगाल चौथे स्थान पर है।
खान ने कहा, महिलाओं के खिलाफ समग्र अपराधों की श्रेणी में दुष्कर्म, हत्या, दहेज हत्या, एसिड हमला, आत्महत्या के लिए उकसाना, अपहरण, जबरन शादी, मानव तस्करी और ऑनलाइन उत्पीड़न जैसे अपराध शामिल हैं। महिलाओं के अपहरण के मामले में पश्चिम बंगाल 7,403 मामलों के साथ उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के बाद तीसरे स्थान पर है।
भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी के विशेष पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आड़े हाथ लेते हुए कहा, एनसीआरबी का कहना है कि डब्ल्यूबी महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शीर्ष पांच राज्यों में से है, घरेलू हिंसा और एसिड हमलों, दहेज हत्याओं में भी शीर्ष पांच में है। यह ममता बनर्जी का एचएम के रूप में रिपोर्ट कार्ड है। उन्हें शायद अपनी दो महिला मंत्रियों को गांधी प्रतिमा के नीचे विरोध में बैठने के लिए कहना चाहिए।
इस बीच, राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री शशि पांजा ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ कीचड़ उछालने की कोशिश करने के बजाय, भाजपा नेताओं को पहले इसके शासित राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश में अपराध दर के बारे में बोलना चाहिए। माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर तैयार की गई है। उन्होंने कहा, तो महिलाओं के खिलाफ अपराध के वास्तविक आंकड़े बहुत अधिक होंगे।
आईएएनएस
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Created On :   31 Aug 2022 10:30 PM IST