केरल हाई कोर्ट ने पूछा- नोटिस दिए जाने के बावजूद आरबीआई पेश क्यों नहीं हुआ?

Kerala High Court asked- why RBI did not appear despite notice being given?
केरल हाई कोर्ट ने पूछा- नोटिस दिए जाने के बावजूद आरबीआई पेश क्यों नहीं हुआ?
कोच्चि केरल हाई कोर्ट ने पूछा- नोटिस दिए जाने के बावजूद आरबीआई पेश क्यों नहीं हुआ?
हाईलाइट
  • फेमा अधिनियम के अनुसार समन जारी करना पूरी तरह से वैध

डिजिटल डेस्क, कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने पूछा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) केरल इन्फ्रास्ट्रक्च र इन्वेस्टमेंट बोर्ड (केआईआईएफबी) के वित्तीय लेनदेन की जांच के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी समन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नोटिस देने के बाद भी पेश क्यों नहीं हुआ।

इसके परिणामस्वरूप, अदालत ने शुक्रवार को ईडी द्वारा राज्य के पूर्व वित्त मंत्री थॉमस इसाक और केआईआईएफबी के दो अधिकारियों को और समन जारी करने के आदेश पर रोक को दो और महीनों के लिए बढ़ा दिया।

जज ने कहा कि नोटिस दिए जाने के बावजूद आरबीआई शुक्रवार को या इससे पहले किसी सुनवाई में पेश नहीं हुआ। इसके बाद अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की।

अदालत दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, एक केआईआईएफबी द्वारा और दूसरी इसहाक द्वारा दायर की गई है। केआईआईएफबी द्वारा दायर की गई याचिका ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (एफईएमए) के कथित उल्लंघन के संबंध में ईडी द्वारा केआईआईएफबी अधिकारियों को बार-बार समन जारी करने को चुनौती दी, जब इसने मसाला बॉन्ड जारी किया। मसाला बॉन्ड भारतीय संस्थाओं द्वारा भारत के बाहर जारी किए गए रुपये के मूल्यवर्ग के बॉन्ड हैं।

इसहाक द्वारा दायर याचिका में ईडी द्वारा जारी किए गए समन को चुनौती दी गई थी, जिसमें इसी जांच के संबंध में उनके और उनके परिवार के सदस्यों के व्यक्तिगत दस्तावेजों की मांग की गई थी। इसहाक ने बताया था कि जांच के प्रारंभिक चरण में अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों के व्यक्तिगत दस्तावेज मांगना उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन था।

विशेष रूप से केआईआईएफबी ने तर्क दिया कि जांच से धन जुटाने की उसकी क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जो राज्य में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए जरूरी है। हालांकि, ईडी ने तर्क दिया कि जांच प्रारंभिक चरण में है और फेमा अधिनियम के अनुसार समन जारी करना पूरी तरह से वैध है।

यह भी कहा गया कि केआईआईएफबी द्वारा मसाला बॉन्ड जारी करने में फेमा के उल्लंघन के संबंध में शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की गई थी। इस साल अक्टूबर में अदालत ने आदेश दिया था कि ईडी द्वारा इसहाक और केआईआईएफबी के दो अधिकारियों को आगे कोई समन जारी नहीं किया जाना चाहिए।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   18 Dec 2022 12:00 AM IST

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