केसीआर ने फसल नुकसान के लिए 10,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की घोषणा की

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तेलंगाना केसीआर ने फसल नुकसान के लिए 10,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजे की घोषणा की
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डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने गुरुवार को फसल नुकसान के लिए किसानों को 10,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषणा की है। मुआवजा उन किसानों को मिलेगा, जिनकी फसल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण बर्बाद हो गई थी।

मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार उन्हें हर संभव मदद मुहैया कराएगी। सीएम ने स्पष्ट किया कि राज्य फसलों के नुकसान पर कोई रिपोर्ट केंद्र को नहीं भेजेगा क्योंकि मोदी सरकार ने पहले भी ऐसी स्थितियों में राज्य को कोई मदद नहीं दी थी।

मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से राज्य भर में 2,28,255 एकड़ से अधिक फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसमें 1,29,446 एकड़ में मक्का की फसल, 72,709 एकड़ में धान और 8,865 एकड़ में आम की फसल शामिल है।

रिपोर्ट के मुताबिक, केसीआर सबसे पहले खम्मम जिले के मढ़ीरा निर्वाचन क्षेत्र में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने किसानों से बात की और फसल को हुए नुकसान की जानकारी ली। प्रभावित किसानों में से कुछ ने प्रति एकड़ 50,000 रुपये के मुआवजे की मांग की है।

केसीआर ने कहा कि उनकी सरकार बड़े पैमाने पर निवेश के साथ सिंचाई परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रही है। नए प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार भी किसानों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रही है, उन्होंने दावा किया कि ऐसी योजनाएं दुनिया में कहीं भी लागू नहीं की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के फलस्वरूप कृषि क्षेत्र मजबूत हुआ है और किसान कर्ज के जाल से बाहर आ रहे हैं।

केसीआर ने यह भी बताया कि तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। उन्होंने दावा किया कि तेलंगाना ने खुद को कृषि आधारित राज्य के रूप में स्थापित किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार की नीतियों के तहत प्रभावित किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष केसीआर ने कहा, नीतियां किसानों के लिए किसी काम की नहीं हैं। देश को एक नई कृषि नीति की जरूरत है।

 

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Created On :   23 March 2023 7:00 PM IST

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