कर्नाटक के स्कूलों ने शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया, पीएम के हस्तक्षेप की मांग
- भ्रष्टाचार का मुद्दा
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में कथित भ्रष्टाचार के लिए आलोचनाओं का सामना कर रही कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए एक नई मुसीबत आ खड़ी हुई है। निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूल प्रबंधन का प्रतिनिधित्व करने वाले दो संघों ने राज्य के शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया है।
स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन (आरयूपीएसए) और कर्नाटक में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के एसोसिएटेड मैनेजमेंट (केएएमएस) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित अपने पत्र में राज्य के स्कूली शिक्षा और साक्षरता मंत्री बी.सी. नागेश और आरयूपीएसए के अध्यक्ष लोकेश टी. की शिकायत की और दावा किया कि इस संबंध में प्रधानमंत्री को संबोधित यह तीसरा ऐसा पत्र है।
आरयूपीएसए ने एक स्कूल की मान्यता के नवीनीकरण के आवेदन पर कार्रवाई करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत की मांग करते हुए एक खंड शिक्षा अधिकारी से संबंधित एक ऑडियो रिकॉर्डिग भी जारी की।
आरयूपीएसए सदस्यों ने आरोप लगाया कि आरटीई प्रतिपूर्ति को मंजूरी देने के लिए विभाग के अधिकारियों द्वारा 50 प्रतिशत कटौती की मांग की गई है। आरयूपीएसए का आरोप है कि शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण कई स्कूल बंद होने के कगार पर हैं। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और मंत्री बी.सी. नागेश ने स्थिति में सुधार के लिए काई प्रयास नहीं किया है।
आरयूपीएसए के आरोपों पर कर्नाटक में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के एसोसिएटेड मैनेजमेंट (केएएमएस) ने कहा कि उन्होंने हाल ही में राज्य के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के बारे में प्रधानमंत्री को लिखा था। कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ (केएससीए) ने आरोप लगाया था कि लोक निर्माण विभाग में किए गए भुगतान के लिए 40 प्रतिशत की रिश्वत मानदंड के बाद बोम्मई सरकार पहले से ही बैकफुट पर है।
आईएएनएस
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Created On :   28 Aug 2022 2:30 PM IST