कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरूण ने लिया वीआरएस, थामेंगे बीजेपी का दामन
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के नेता अपनी सुरक्षित राजनीतिक भविष्य को देखकर एक-दूसरे दलों में शामिल हो रहे थे। ये तो आम बात है कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं तो नेता पार्टी बदलकर दूसरे पार्टियों में शामिल होते है। लेकिन यूपी की सियासत से शनिवार को एक ऐसी खबर आई, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दिया। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में बतौर पुलिस कमिश्नर के पद पर कार्यरत रहे असीम अरूण ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है।
वह भाजपा के टिकट पर कन्नौज विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। गौरतलब है कि असीम अरूण मूलरूप से कन्नौज के ही रहने वाले हैं। उनके पिता स्वर्गीय श्रीराम अरूण उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रहे हैं। उत्तर प्रदेश के आईएएस अफसरों में असीम अरूण तेजतर्रार अफसरों में शुमार हैं। बता दें कि असीम अरूण एटीएस के आईजी के पद पर भी रह चुके हैं। अपने पद पर रहने के दौरान उन्होंने कई आतंकी साजिश का खुलासा किया था। उन्होंने आतंकी सैफुल्लाह के एनकाउंटर में अहम भूमिका निभाई थी।
असीम अरूण एडीजी पद पर प्रमोट होने के बाद कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर बनें थे। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक असीम अरुण ने तीन दिन पहले ही शासन को वीआरएस के लिए अर्जी दी थी। शासन की तरफ से अर्जी स्वीकार करने के बाद शनिवार को उनकी मुलाकात सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ से हुई है। इसके बाद उन्होंने फेसबुक पर एक भावुक मैसेज पोस्ट किया, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 8, 2022
असीम अरूण ने फेसबुक पर मैसेज किया पोस्ट
आपको यह अवगत कराना चाहता हूं कि मैंने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है क्योंकि अब राष्ट्र और समाज की सेवा एक नए रूप में करना चाहता हूं। मैं बहुत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं कि माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने मुझे भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता के योग्य समझा। मैं प्रयास करूंगा कि पुलिस बलों के संगठन के अनुभव और सिस्टम विकसित करने के कौशल से पार्टी को अपनी सेवाएं दूं और पार्टी में विविध अनुभव के व्यक्तियों को शामिल करने की माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल को सार्थक बनाऊं।
मैं प्रयास करूंगा की महात्मा गांधी द्वारा दिए ""तिलस्म"" कि सबसे कमजोर और गरीब व्यक्ति के हितार्थ हमेशा कार्य करूं। आईपीएस की नौकरी और अब यह सम्मान, सब बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा ""अवसर की समानता"" के लिए रचित व्यवस्था के कारण ही सम्भव है। मैं उनके उच्च आदर्शों का अनुसरण करते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति एवं सभी वर्गों के भाइयों और बहनों के सम्मान, सुरक्षा और उत्थान के लिए कार्य करूंगा। मैं समझता हूं कि यह सम्मान मुझे मेरे पिता जी स्व. श्रीराम अरुण जी एवं माता जी स्व. शशि अरुण जी के पुण्य कर्मों के प्रताप के कारण ही मिल रहा है। उनकी पुण्य आत्माओं को शत-शत नमन।
Created On :   8 Jan 2022 9:14 PM IST