कल्याण सिंह कठोर निर्णय के लिए जाने जाते थे - रक्षा मंत्री
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- कल्याण सिंह कठोर निर्णय के लिए जाने जाते थे - रक्षा मंत्री
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के लिए आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कहा कि कल्याण सिंह जी के साथ मेरा रिश्ता एक नेता, बड़े भाई और मित्र जैसा था। वो कठोर निर्णय लेने से डरते नहीं थे। जब वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे तब मैं भाजयुमों का प्रदेश अध्यक्ष था। 1977 में वह स्वास्थ्य मंत्री बने। उस समय यह टिप्पणी की जाती थी कि एक दिन वह मुख्यमंत्री बनेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को गोमती नगर विस्तार स्थित सीएमएस स्कूल के सभागार में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बोल रहे थे। कल्याण सिंह को याद करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि नकल रोकने के लिए कानून दो बार मंत्रिमंडल में पास नहीं हो सका। उसके बाद मैं कल्याण सिंह से मिला अपनी बात रखी। इसके बाद हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को बिना चर्चा के पास कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि राजनीति सरकार चलाने नहीं बल्कि समाज बनाने के लिए की जाती है। हम लोगों ने साथ में ताश खेला। मैं उनके घर पर भी ठहरा। राजनाथ सिंह ने कहा कि वह सबको साथ लेकर चलने वाले नेता थे। उन्होंने कहा कि राजनीति में हम ही हम हैं ऐसा भाव नहीं पालना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें श्रद्घांजलि देते हुए कहा कि कल्याण सिंह अलीगढ़ के एक सामान्य परिवार में पैदा हुए थे और अपनी मेहनत व योग्यता के दम पर ऊंचाइयों को प्राप्त किया। आरएसएस से जुड़ने के बाद जो काम उन्हें मिला उसे उन्होंने पूरी प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ पूरा किया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह बोले कि बाबूजी महान नेता थे। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मुलायम सिंह यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती सहित अन्य दलों के नेताओं को भी आमंत्रित किया था। बाबूजी कहते थे कि योगी आदित्यनाथ के हाथों में प्रदेश सुरक्षित है।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कल्याण सिंह महान नेता थे। हम सब उनका आदर करते हैं और उनका कोई भी सपना अधूरा नहीं रहने देंगे।
आरएसएस के सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल बोले, कल्याण सिंह समान्य परिवार में जन्मे थे। वह आरएसएस के स्वयं सेवक थे। कुशल वक्ता थे। तहसील प्रचारक मंगीलाल जी के आग्रह पर वे आरएसएस में आए। कल्याण सिंह की सभा 10 घण्टे तक चलती थी। उन्होंने गांव और गरीबों के दुख को करीब से देखा और समझा था। उन्होंने कहा था कि जो पिछड़े है उन्हें भी समझना चाहिए कि प्रयास करें तो वे भी ऊपर आ सकते थे। कृष्ण गोपाल ने कहा कि उनका मानना था कि दवाओं के कारोबार में भ्रष्टाचार को देखकर दिल दहल जाता है। उन्होंने प्रमाणिकता से जीवन जिया। वह सभी को साथ लेकर चलते थे।
श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह कृष्णगोपाल, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ दिनेश शर्मा सहित प्रदेश सरकार के मंत्री व पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे।
(आईएएनएस)
Created On :   31 Aug 2021 10:00 PM IST