2023 के विधानसभा चुनाव में जयस दिखाएगी दम,मध्यप्रदेश की 80 विधानसभा सीटों पर लड़ेगी चुनाव

Jayas will show power in the 2023 assembly elections, will contest on 80 assembly seats in Madhya Pradesh
2023 के विधानसभा चुनाव में जयस दिखाएगी दम,मध्यप्रदेश की 80 विधानसभा सीटों पर लड़ेगी चुनाव
मध्यप्रदेश 2023 के विधानसभा चुनाव में जयस दिखाएगी दम,मध्यप्रदेश की 80 विधानसभा सीटों पर लड़ेगी चुनाव

डिजिटल डेस्क, धार/भोपाल। जयस के सामाजिक-राजनीतिक राजधानी धार जिले के कुक्षी में जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन द्वारा “मिशन युवा नेतृत्व 2023 जयस महापंचायत” के तहत 20 अक्टूबर 2022 को तहसील में मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 में अपनी दावेदारी का शक्तिप्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम में इस विषय पर विशेष रूप से चर्चा की गई कि जयस युवा विधानसभा और लोकसभा में कैसे पहुंचें और गरीबों, आदिवासियों, पंक्ति के आखिरी व्यक्ति की आवाज विधानसभा और लोकसभा में कैसे उठाएं। कार्यक्रम में आदिवासी समाज में शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं सामाजिक पिछड़ापन पर खुलकर चर्चा किया गया, और इन क्षेत्रों का नेतृत्व अपने हाथ में लेकर आदिवासी समाज के हालात को सुधारने के लिए भी जोर दिया गया।

सामाजिक कार्यकर्ता अनिल गर्ग ने कहा कि मध्यप्रदेश की अब तक की सरकारों ने लोगों के सामुदायिक हक की जमीनों पर अधिकार नहीं दिया है। लोगों के हजारों हेक्टेयर राजस्व भूमि को वन विभाग वन भूमि मानकर लोगों के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही कर रहा है, जो मध्यप्रदेश की जनता के साथ घोर अन्याय है। वन विभाग ने  पीढ़ियों से वनग्रामों में निवास करने वाले परंपरागत जनजातियों/वननिवासियों को वनाधिकार का पट्टा नहीं दिया है। इन विषयों पर चुनाव में व्यापक रूप से अभियान चलाने की जरूरत है।

मध्यप्रदेश के जयस प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रविराज बघेल ने कहा कि अभी तक हमारे जयस ने 50 से अधिक विधानसभा में क्षेत्रों में ग्राऊंड स्तर पर मजबूती के साथ बूथ स्तर की कमिटी बना ली है। आने वाले कुछ महिनों में हम 80 विधानसभा सीटों पर हर बूथ पर कमिटी बनाने का टारगेट लेकर चल रहे हैं। पांचवीं अनुसूची, पेसा कानून, बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी, अत्याचार जैसे मुद्दों पर हम ग्राऊंड लेबल पर काम कर रहे हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। मध्यप्रदेश में इस बार जयस की सरकार बनेगी।

मध्यप्रदेश जयस के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रपाल मरकाम ने कहा कि आने वाला समय मध्यप्रदेश के युवाओं का है। मध्यप्रदेश के राजनीति की कमान अब युवा ही संभालेंगे। भाजपा की सरकार से मध्यप्रदेश की जनता बहुत परेशान हो चुकी है। संविधान की धज्जियाँ उड़ाकर आदिवासियों, अनुसूचित जातियों, पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों को मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार जनरल में कनवर्ट कर रही है। बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हैं, लेकिन सरकार शासकीय भर्तियां रोक रखी है। किसानों को महंगे खाद-बीज और बिजली मिल रही है। आदिवासी क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों को बंद किया जा रहा। आनेवाले समय में हम मिलकर मध्यप्रदेश से भाजपा की सरकार को उखाड़ फेकेंगे।

वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता आदिवासी मुक्ति संगठन अध्यक्ष गजानन ब्राह्मणे आदिवासी भाषा में क्रांतिकारी जोशीले गीत गाकर मौजूद सभी लोगों में जोश भरने का काम किया। मध्यप्रदेश के सागर जिले के जयस प्रभारी डॉ. अरुण यादव ने कहा कि लोकतंत्र में परिवारवाद और पूंजीवाद नहीं चलेगा। आदिवासी, दलित और पिछड़ा वर्ग मिलकर 2023 में जयस के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में सरकार बनाएंगेकिसान नेता केदार सिरोही ने कहा कि जयस संगठन क्रांतिकारी संगठन है, यह संगठन देश को कभी लुटेरों के हाथ में नहीं जाने देगा। हम जयस के साथ हैं। 

गुजरात राज्य के झगड़िया से विधायक भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के संस्थापक दिग्गज आदिवासी नेता छोटू भाई वसावा ने कहा कि आदिवासियों के जल जंगल जमीन को छीनने का अमृत महोत्सव मना रही है भारत सरकार, जो शर्म की बात है। हम संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई हर राज्य में लड़ेंगे। मध्यप्रदेश में जयस संगठन और डॉ हिरालाल अलावा ने पांचवीं अनुसूची, पेसा कानून, वनाधिकार कानून इत्यादि संवैधानिक अधिकारों को लेकर जो अभियान चला रहे हैं वह सराहनीय है। मैं और मेरी बीटीपी पार्टी हमेशा जयस के साथ है, युवा आदिवासी नेता डॉ. हिरालाल अलावा के साथ है। मिशन युवा नेतृत्व 2023 की लड़ाई हम लोग एक साथ मिलकर लड़ेंगे।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज के युवा पीढ़ी में नेतृत्व क्षमता विकसित करना तथा राजनीतिक, सामाजिक, प्रशासनिक, प्राइवेट क्षेत्रों में नेतृत्व कर आदिवासी भागीदारी सुनिश्चित करना रहा। बैकलॉग पदों को आउटसोर्स से भरा जा रहा है, जो सीधे-सीधे आदिवासियों, अनुसूचित जातियों और पिछड़ा वर्ग के हकों पर राज्य सरकार का हमला है। मध्यप्रदेश में एक लाख से अधिक बैकलॉग पदों को जल्द से जल्द एसटी, एससी, ओबीसी के वास्तविक उम्मीदवारों द्वारा भरने की मांग की गई।

मिशन युवा नेतृत्व 2023 के तहत यह भी तय किया गया कि जयस संगठन के युवा कार्यकर्ता आदिवासी क्षेत्रों की पिछड़ापन पर रिपोर्ट तैयार कर उसे दूर करने, शिक्षा-स्वास्थ्य-रोजगार के क्षेत्र में जनजागरूकता कार्यक्रम चलाना एवं राष्ट्र निर्माण में भागीदारी सुनिश्चित करेंगे।

डॉ. हिरालाल अलावा ने यह भी कहा कि आजकल कई ऐसे नेता पैदा हो रहे हैं जिन्हे संवैधानिक अधिकारों का ज्ञान नहीं जिन्हे आदिवासियत का ज्ञान नहीं। वे अपनी सारी ऊर्जा विधानसभा और लोकसभा चुनाव के टिकट हासिल करने में खत्म करते हैं लेकिन हमारा मकसद सिर्फ विधानसभा और लोकसभा में जाना भर नहीं है बल्की वहां पहुंचकर अंतिम पंक्ति मे खड़े तबके के लिए संघर्ष करना भी है और यह बात जयस मिशन युवा नेतृत्व मे भाग लेने वाले प्रत्येक जयस युवा के जहन में होना चाहिए। इसलिए देश के समस्त आदिवासी युवाओं से विशेष अनुरोध है कि मिशन युवा नेतृत्व के तहत अपनी पूरी ऊर्जा के साथ अपना कदम आगे बढ़ाते रहें। यह आपका अपना मिशन है अपने पुरखों के सपनो को साकार करने का मिशन है हमारी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को संवारने का मिशन है इसलिए आप सभी युवाओं से विशेष अनुरोध है जयस मिशन युवा नेतृत्व मे खुलकर भाग ले और समाज अंतिम पंक्ति मे खड़े वर्ग की आवाज बनें हम आपके साथ है हम सभी मिलकर एक नया इतिहास रचेंगे।
 कार्यक्रम को अनेकों बुद्धिजीवियों, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं, युवाओं ने संबोधित किया साथ ही मिशन युवा नेतृत्व 2023 के तहत मध्यप्रदेश में जयस के नेतृत्व में सरकार बनाने का संकल्प लिया।

 जयस महापंचायत की प्रमुख मांगे–
1. पाँचवी अनुसूची के प्रत्येक प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रों मे लागू करने के लिए रेगुलेशन बनाया जाए एवं अनुसूचित क्षेत्रों मे विभिन्न सरकारी परियोजनाओं के नाम पर आदिवासी गाँवों के विस्थापन को रोकने के लिए नई नीति बनाना एवं वनाधिकार क़ानून 2006 के तहत पीढ़ियों से जंगलों मे रहने वाले आदिवासियों को व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वनाधिकार पट्टे देना।
2. पेसा क़ानून के परम्परागत ग्राम सभाओं को शसक्त कर अनुसूचित क्षेत्रों में रूढ़ी-जन्यसंहिता को लागू करना। पेसा मोबलाइजर्स के लिए रूल्स एवं रेगुलशन बनाना और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में वर्तमान जनसंख्या को देखते हुए नये अनुसूचित क्षेत्रों का गठन किया जाए।
3. प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों मे विकास के लिए अनुच्छेद 275(1) आदिवासी उपयोजना की राशि खर्च करने के लिए नए नियम बनाया जाए।
4. PSC 2019 के मेंस निरस्त करने के निर्णय पर पुनर्विचार कर जल्द से जल्द साक्षात्कार की तारीख की घोषणा की जाए एवं ओवर एज हो चुके स्टूडेंट्स को राहत दिया जाए। प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करें और आदिवासी क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए स्थानीय स्तर रोजगार देने की नई नीति बनाया जाए।
5. ST/SC विरोधी बैकलॉग के नये ड्राफ्ट को अविलंब निरस्त किजा जाए और अविलंब बैकलाॅग पदों को भरा जाए।
6. मेडिकल कॉलेजों, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, उच्च शिक्षा समेत अन्य विभागों में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित बैकलॉग/पदोन्नति पदों को नियमों की अवमानना कर गैरसंवैधानिक तरीके से अनारक्षित में कनवर्ट कर सामान्य सदस्य से की गई पूर्ति को अविलंब निरस्त कर अनुसूचित जनजाति सदस्य पूर्ति किया जाए।
7. वर्ष 2005 बैकलॉग भर्ती से नियुक्त सहायक अध्यापकों की परिवीक्षा अवधि तुरंत समाप्त करें और 1987 व 2000 में तदर्थ व आपाती नियुक्त सहायक प्राध्यापको को नियमों में शिथिलता बरतते हुए उन्हें नियमित किया है, उसी तरह अनुसूचित जाति जनजाति के बैकलॉग भर्ती सहायक प्राध्यापको को भी नियुक्ति दिनांक से नियमित किया जाए एवं सहायक प्राध्यापक, प्राध्यापक व प्राचार्य के पदों पर रोस्टर अनुसार पदोन्नति दी जाए, प्रमोशन में आरक्षण के लिए जल्द से जल्द नए नियम बनाया जाए एवं प्रदेश के सभी कर्मचारी वर्ग के लिए OPS की बहाली की जाए।
8. प्रदेश के हजारों अथिति शिक्षिको, प्रोफ़ेसरों के लिए वार्षिक रोस्टर बनाकर रेगुलेशन बनाना और चतुर्थ श्रेणी की आउटसोर्स भर्ती पर अविलंब रोक लगाई जाए ताकि एसटी/एससी वर्ग के आरक्षण से हो रही खिलवाड़ पर रोक लग सके।
9. प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और साहयिकाओं का मानदेय बढ़ाया जाए और प्रदेश के सभी जिलों में शतप्रतिशत आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण किया जाए।
10. प्रदेश में मांझी, मानकर, धनगर, यादव, साहू, कुशवाह, लोधी और नायक समाज के साथ और अन्य पिछड़ावर्ग के विकास के लिए नई नीतियाँ बनाई जाए।

Created On :   21 Oct 2022 9:11 PM IST

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