नयी योजनाओं की बारिश में भीगा जम्मू कश्मीर, विकास की नयी इबारत लिखी जा रही

Jammu and Kashmir drenched in the rain of new schemes, a new chapter of development is being written
नयी योजनाओं की बारिश में भीगा जम्मू कश्मीर, विकास की नयी इबारत लिखी जा रही
पीएम मोदी ने दी सौगात नयी योजनाओं की बारिश में भीगा जम्मू कश्मीर, विकास की नयी इबारत लिखी जा रही

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त किये जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली जम्मू कश्मीर यात्रा कई लिहाज से महत्वपूर्ण रही। सांबा जिले में हुये कार्यक्रम में करीब एक लाख लोगों ने हिस्सा लिया। राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने देश भर की ग्राम सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने रविवार को जम्मू कश्मीर में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। बनिहाल-काजीगुंड सुरंग मार्ग, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे और रतले और क्वार जलविद्युत परियोजनायें उनमें से ही एक हैं।

सांबा जिले के पल्ली गांव में हुये कार्यक्रम में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर के लिये प्रधानमंत्री मोदी की नयी औद्योगिक योजनाओं की घोषणा की, जिसके अनुसार, 52,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव है। इनमें से 38,000 करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं का शुभारंभ प्रधानमंत्री ने किया गया था।

इस अवसर पर किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर दो बहुप्रतीक्षित परियोजनाओं, 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना और 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना का भी उद्घाटन किया गया। जम्मू कश्मीर की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 21 नयी जलविद्युत परियोजनाओं के दम पर अगले पांच वर्षों में 5,186 मेगावाट बढ़ जायेगी। वर्ष 2019 से पहले जम्मू कश्मीर की पनबिजली क्षमता 3,505 मेगावाट थी। बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण क्षेत्रों को यहां मजबूत और आधुनिक बनाया जा रहा है।

बनिहाल से काजीगुंड की दूरी को 16 किलोमीटर कम करने वाला 8.45 किमी लंबा बनिहाल-काजीगुंड सुरंग मार्ग यात्रा के समय में लगभग 1.5 घंटे तक की कमी लायेगा। यह सुरंग मार्ग 31,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित हो रहा है। यह प्रसिद्ध जवाहर सुरंग की जगह लेगा, जिसमें कई कमियां थीं जैसे अधिक ऊंचाई और किसी भी दिशा में प्रतिदिन 150 वाहनों की आवाजाही की सीमा। नया सुरंग मार्ग कम ऊंचाई पर बनाया गया है ताकि हिमस्खलन का खतरा कम हो।

देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक सड़क और रेल संपर्क से जोड़ना केंद्र सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर रहा है। जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ वर्षों के दौरान सभी मौसमों में संपर्क सुविधा देने वाली सड़कों और सुरंगों की स्थापना की गयी है। जम्मू-कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में संपर्क व्यवस्था मजबूत करने के लिये सरकार रोपवे नेटवर्क का निर्माण कर रही है। इससे एक स्थायी परिवहन प्रणाली विकसित होगी, जो आसान मोबिलिटी को बढ़ावा देने के साथ पर्यटन के अनुकूल भी होगी। प्रधानमंत्री का एक भारत, श्रेष्ठ भारत का महत्वाकांक्षी सपना जम्मू कश्मीर में साकार होता दिख रहा है।

बहुप्रतीक्षित दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे और सांबा के पल्ली गांव में 500 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र का भी शुभारंभ किया गया है। केंद्र शासित प्रदेश के पर्यटन उद्योग ने भी इस साल उम्मीद से बेहतर शुरूआत की है। पिछले तीन माह के दौरान करीब साढ़े तीन लाख पर्यटक यहां आये हैं। इसकी सफलता को देखते हुये केंद्र सरकार ने इसके विकास के लिये 508 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। जम्मू कश्मीर में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिये कागज पर काम नहीं हो रहा है बल्कि यहां उनके हित की योजनायें बहुत अच्छी तरह से काम कर रही हैं। यहां महिलाओं के 60,000 स्वयं सहायता समूह हैं, जिनमें 5,02,641 महिलायें काम करके आत्मनिर्भर हो रही हैं।

केंद्र शासित प्रदेश में वन क्षेत्र को बढ़ाने और सिंचाई सुविधाओं में बेहतरी लाने के लिये प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत वाटरशेट डेवलमेंट का विकास किया जा रहा है। यहां साल 2021-22 के दौरान जल संरक्षण, वृक्षारोपण, चेक डैम निर्माण, वाटर हार्वेस्टिंग के 4,138 कार्य पूरे किये गये। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत जल संरक्षण के पहल वाली अमृत सरोवर योजना भी शुरू की गयी। जम्मू कश्मीर के बिगड़े हालात को देखकर लंबे समय तक लोग यहां आने से कतराते रहे लेकिन अब यहां विकास की नयी इबारत लिखी जा रही है।

संयुक्त अरब अमीरात के निवेशक यहां हेल्थकेयर, बागवानी, आईटी, टेक और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में बड़ा निवेश कर रहे हैं। खाड़ी देशों से जनवरी में जम्मू कश्मीर को ढाई अरब डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ और अगले छह महीने में इसमें और तेजी आने की संभावना है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने इस साल की शुरूआत में जम्मू कश्मीर के लिये 1,12,950 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की थी, जो जम्मू कश्मीर में शांति बहाली, प्रगति और संपन्नता लाने के केंद्र के प्रयासों की प्रतिबद्धता का द्योतक है।

सुशासन, कृषि, बागवानी, बिजली, ग्रामीण विकास, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना, निवेश और औद्योगिक विकास की सुविधा, बुनियादी ढांचे का विकास, सड़क संपर्क में सुधार, सामाजिक समावेश को व्यापक बनाना, हर घर नल से जल, शिक्षा, युवाओं के लिये जीवन की गुणवत्ता में सुधार , पर्यटन, स्वास्थ्य और चिकित्सा तथा शिक्षा बजट की मुख्य विशेषतायें हैं। जम्मू कश्मीर में अब समान और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिये अधिकतम जनभागीदारी केवल एक सपना नहीं है बल्कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित योजनाओं ने इसे नये और मजबूत पंख दे दिये हैं, जिससे उन्हें पाने के लिये लंबी उड़ान भरी जा सकती है।

(आईएएनएस)

Created On :   25 April 2022 4:30 PM IST

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