जहां झुग्गी वहीं मकान परियोजना सोनिया गांधी का सपना था : सुभाष चोपड़ा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने गुरुवार को कहा कि गरीबों के लिए जहां झुग्गी वहीं मकान इन-सीटू परियोजना तत्कालीन यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी का सपना था। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कार्यालय, राजीव भवन में गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चोपड़ा ने कहा कि जहां झुग्गी वहीं मकान परियोजना को शहरी विकास मंत्री कमलनाथ व तत्कालीन उपराज्यपाल ने मंजूरी देकर कालकाजी में व्यवसायिक जमीन को रिहायशी जमीन में तब्दील कराकर झुग्गी वालों को हटाए बिना 8064 फ्लैट बनाने का रास्ता साफ किया था। यह प्रोजेक्ट 2013 शुरू किया, जिसे 3 वर्षो में पूरा होना था, मगर पहले फेस में बने 3000 फ्लैटों को 9 वर्ष बाद निगम चुनाव की घोषणा से एक दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीब लोगों को चाबी दिलाकर भाजपा ने इसे निगम चुनावों में भुनाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि बुधवार को शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने दिल्ली की जनता को जहां झुग्गी वहीं मकान देने का वादा करके दिल्ली के 10 लाख झुग्गी वालों से वोट लेने के लिए गुमराह करने वाला बयान दिया है, जबकि वास्तविकता में जहां झुग्गी वहीं मकान का मॉडल कांग्रेस का था और यह सोनिया गांधी की सोच की उपज है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आज भी 675 झुग्गी-झोपड़ी कॉलोनियां हैं, कांग्रेस निगम की सत्ता में आने पर इन झुग्गी वालों का सर्वे कराकर बिना उन्हें हटाए जहां झुग्गी वहीं मकान योजना के तहत फ्लैट बनाकर देगी।
सुभाष चोपड़ा ने आगे कहा कि भाजपा और अरविंद केजरीवाल गरीबों के हमदर्द बनने का ढोंग करके उनकी भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं, क्योंकि गरीबों के उत्थान के लिए राजीव रत्न आवास योजना के तहत कांग्रेस सरकार द्वारा 42000 फ्लैट बनवाए जाने के बावजूद आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार ने गरीबों को 9 वर्षो में भी फ्लैट आवंटित नहीं कर पाई है और अब केंद्र सरकार ने 17.2.2021 को बैठक करके इन फ्लैटों को गरीबों को मालिकाना हक देने की जगह किराए पर देने की तैयारी कर रही है। इस पर 16.6.2021 को केजरीवाल सरकार ने बैठक करके इन्हें किराए पर देने की सहमति पर मोहर लगा दी है। कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने राजीव रत्न आवास योजना के तहत फ्लैट तैयार करवाए थे, जिन्हें आम आदमी पार्टी की सरकार 8 वर्षो में सौंपने में असफल साबित हुई, क्योंकि इन्हें गरीबों की परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं है।
(आईएएनएस)
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Created On :   1 Dec 2022 10:00 PM IST